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स्ट्रीमिंग कंपनियां सरकार से करेंगी ब्रॉडकास्टिंग बिल में सुधार की पैरवी, जानें क्या है वजह

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 12:47 PM IST

Updated : Dec 2, 2023, 12:54 PM IST

India broadcasting bill: ऑनलाइन ब्रोडकास्टिंग प्लेटफॉर्म पर सिकंजा कसने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने वर्तमान केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को बदलने की मांग की गई है. इसके बाद से ही नेटफ्लिक्स, वायाकॉम 18 और अन्य स्ट्रीमिंग कंपनियां प्रसारण बिल में देरी या सुधार के लिए सामूहिक रूप से भारत सरकार पर पैरवी करने की योजना बना रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

India broadcasting bill
ब्रॉडकास्टिंग बिल

नई दिल्ली: ऑनलाइन ब्रोडकास्टिंग में लगातार गलत कंटेंट का यूज किया जा रहा है. इसके खिलाफ सरकार रेगुलेशन लाने की तैयारी में लगी है. इस फैसले के बाद से ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनियां में डर का माहौल बना हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेटफ्लिक्स, अरबपति मुकेश अंबानी की वायाकॉम 18 और अन्य स्ट्रीमिंग कंपनियां प्रसारण बिल में देरी या सुधार के लिए सामूहिक रूप से भारत सरकार पर पैरवी करने की योजना बना रही हैं. उन्हें डर है कि यह क्षेत्र के लिए कठिन होगा.

India broadcasting bill
ब्रॉडकास्टिंग बिल

बिल में क्या है?
इस बिल के तहत नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से एमआईबी के दायरे में लाया जाएगा. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परामर्श के लिए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 जारी किया, जिसमें सभी मौजूदा कानूनों और नीतियों को एक एकीकृत ढांचे के तहत समेकित करने के लिए वर्तमान केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को बदलने की मांग की गई है.

India broadcasting bill
ब्रॉडकास्टिंग बिल

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर लगेगी रोक
भारत ने पिछले महीने प्रसारण क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नया मसौदा कानून पेश किया है. ये कानून स्ट्रीमिंग दिग्गजों पर भी लागू होगा. इसमें विभिन्न सामाजिक समूहों के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत सामग्री मूल्यांकन समितियों के गठन का प्रस्ताव है, जो रिलीज होने से पहले शो की समीक्षा करेंगे और उस पर हस्ताक्षर करेंगे. हालांकि भारतीय सिनेमाघरों में सभी फिल्मों की समीक्षा और प्रमाणीकरण सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड द्वारा किया जाता है, लेकिन स्ट्रीम की गई सामग्री नहीं होती है.

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ब्रॉडकास्टिंग बिल

स्ट्रीमिंग कंपनियों ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेटफ्लिक्स और वायाकॉम 18 सहित कई स्ट्रीमिंग कंपनियों के शीर्ष अधिकारी, जो JioCinema प्लेटफॉर्म चलाते हैं, ने बिल में देरी करने और ओवरहालिंग पर विचार करने के लिए सरकार से बात कर सकते है. बता दें कि बिल 10 दिसंबर तक सार्वजनिक परामर्श के लिए खुला है. नेटफ्लिक्स और अन्य ने चिंता जताई कि सामग्री समितियां अत्यधिक प्री-स्क्रीनिंग जांच करेंगी, जिससे कार्यान्वयन की समस्याएं बढ़ेंगी क्योंकि बड़ी संख्या में ऑनलाइन जाने वाली सामग्री की पहले समीक्षा करने की आवश्यकता होगी.

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नई दिल्ली: ऑनलाइन ब्रोडकास्टिंग में लगातार गलत कंटेंट का यूज किया जा रहा है. इसके खिलाफ सरकार रेगुलेशन लाने की तैयारी में लगी है. इस फैसले के बाद से ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनियां में डर का माहौल बना हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेटफ्लिक्स, अरबपति मुकेश अंबानी की वायाकॉम 18 और अन्य स्ट्रीमिंग कंपनियां प्रसारण बिल में देरी या सुधार के लिए सामूहिक रूप से भारत सरकार पर पैरवी करने की योजना बना रही हैं. उन्हें डर है कि यह क्षेत्र के लिए कठिन होगा.

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बिल में क्या है?
इस बिल के तहत नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से एमआईबी के दायरे में लाया जाएगा. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परामर्श के लिए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 जारी किया, जिसमें सभी मौजूदा कानूनों और नीतियों को एक एकीकृत ढांचे के तहत समेकित करने के लिए वर्तमान केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को बदलने की मांग की गई है.

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ब्रॉडकास्टिंग बिल

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर लगेगी रोक
भारत ने पिछले महीने प्रसारण क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नया मसौदा कानून पेश किया है. ये कानून स्ट्रीमिंग दिग्गजों पर भी लागू होगा. इसमें विभिन्न सामाजिक समूहों के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत सामग्री मूल्यांकन समितियों के गठन का प्रस्ताव है, जो रिलीज होने से पहले शो की समीक्षा करेंगे और उस पर हस्ताक्षर करेंगे. हालांकि भारतीय सिनेमाघरों में सभी फिल्मों की समीक्षा और प्रमाणीकरण सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड द्वारा किया जाता है, लेकिन स्ट्रीम की गई सामग्री नहीं होती है.

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ब्रॉडकास्टिंग बिल

स्ट्रीमिंग कंपनियों ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेटफ्लिक्स और वायाकॉम 18 सहित कई स्ट्रीमिंग कंपनियों के शीर्ष अधिकारी, जो JioCinema प्लेटफॉर्म चलाते हैं, ने बिल में देरी करने और ओवरहालिंग पर विचार करने के लिए सरकार से बात कर सकते है. बता दें कि बिल 10 दिसंबर तक सार्वजनिक परामर्श के लिए खुला है. नेटफ्लिक्स और अन्य ने चिंता जताई कि सामग्री समितियां अत्यधिक प्री-स्क्रीनिंग जांच करेंगी, जिससे कार्यान्वयन की समस्याएं बढ़ेंगी क्योंकि बड़ी संख्या में ऑनलाइन जाने वाली सामग्री की पहले समीक्षा करने की आवश्यकता होगी.

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Last Updated : Dec 2, 2023, 12:54 PM IST
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