नई दिल्ली : नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने मुंबई में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा पारित एक आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों को Zee इंटरटेंमेंट इंटरप्राइजेज लिमिटेड (जी) और कल्वर मैक्स इंटरटेंमेंट (पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया) के विलय के लिए दी गई अपनी प्रारंभिक मंजूरियों का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया था. बार एंड बेंच ने रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
Zee का तर्क : एनसीएलटी ने 11 मई को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई को 16 जून 2023 से पहले अपडेटेड अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया था. इसके बाद Zee ने इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी का रुख किया. बार एंड बेंच ने बताया कि Zee ने तर्क दिया कि उसे अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया. उसने कहा कि एनसीएलटी के पास गैर-प्रतिस्पर्धी शुल्क जैसे मुद्दों पर सुनवाई का अधिकार नहीं है.
जी और मैक्स के बीच 2021 में हुआ था सौदा : कल्वर मैक्स और Zee ने सितंबर 2021 में एक गैर-बाध्यकारी समझौता किया था. इसमें उनकी डिजिटल संपत्ति, लीनियर नेटवर्क, उत्पादन संचालन और प्रोग्राम लाइब्रेरी को एक साथ लाने की बात कही गई थी. संयुक्त कंपनी में अप्रत्यक्ष रूप से सोनी समूह की 50.86 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, Zee के संस्थापक के पास लगभग चार प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. जबकि बाकी हिस्सेदारी Zee के शेयरधारकों के बीच बांट दी जाएगी.
(आईएएनएस)