बैंकॉक : म्यांमार की एक अदालत ने शुक्रवार को देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) को चुनावी धोखाधड़ी में संलिप्तता का दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई. सैन्य शासित देश में सू ची को पहले ही कई अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है और 17 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. ऐसे में इस सजा के बाद उन्हें अब और अधिक समय जेल में काटना होगा.
इससे सू ची की 'नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी' का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है. सेना ने देश में 2023 में नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की है. सू ची की पूर्व सरकार के दो वरिष्ठ सदस्यों को भी मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमार की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और सू ची तथा म्यांमार के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था. सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना का कहना है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई.
स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिली थी. बैंकॉक स्थित 'एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन' के प्रवक्ता अमेल वियर ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने चुनाव में कोई धोखाधड़ी नहीं देखी. वियर ने 'द एसोसिएटेड प्रेस' से कहा, 'म्यांमार के स्थानीय चुनाव पर्यवेक्षकों को भी ऐसा कुछ नहीं मिला.' उन्होंने कहा, 'यकीनन सुधार की गुंजाइश थी, हम अब भी कई अन्य लोकतंत्रों से पीछे हैं (म्यांमार में) .. लेकिन जुंटा का 25 प्रतिशत मतदाताओं का फर्जी होने का दावा..हमारी जांच में सही साबित नहीं हो पाया.'
सेना के सत्ता में आने के बाद से देश में व्यापक स्तर पर शुरू किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई. इसके बाद देश में कई हिंसक प्रदर्शन हुए. संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञों ने इसे गृह युद्ध भी करार दिया है. सू ची को अवैध रूप से वॉकी-टॉकी आयात करने और रखने, कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने, राजद्रोह तथा भ्रष्टाचार के पांच मामलों में पहले ही 17 साल जेल की सजा सुनाई गई है. उनकी पार्टी और सरकार के कई शीर्ष सदस्य भी जेल में हैं, जबकि अन्य कई छिपे हुए हैं या विदेश भाग गए हैं.
ये भी पढ़ें - म्यांमार की अपदस्थ नेता सू-ची को भ्रष्टाचार मामले में पांच साल की जेल
(पीटीआई-भाषा)