नई दिल्ली : म्यूचुअल फंड कंपनियों ने पिछले महीने यानी मई में शेयरों में 2,400 करोड़ रुपये लगाए हैं. इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों से निकासी की थी. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के मजबूत आंकड़ों, मुद्रास्फीति के नियंत्रित स्तर पर आने और अर्थव्यवस्था में तरलता का स्तर संतुलित होने के बीच म्यूचुअल फंड शेयरों में निवेश कर रहे हैं.
म्यूचुअल फंड से अधिक एफपीआई शेयरों में करते हैं निवेश
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड कंपनियों ने मई में शेयरों में शुद्ध रूप से 2,446 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि अप्रैल में उन्होंने 4,533 करोड़ रुपये की निकासी की थी. हालांकि, म्यूचुअल फंड और FPI के निवेश में काफी अंतर है. मई में एफपीआई ने शेयरों में 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो म्यूचुअल फंड की तुलना में काफी अधिक है. अप्रैल में भी FPI ने शेयरों में 11,631 करोड़ रुपये डाले थे. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेश के रुख में यह अस्थायी बदलाव भारतीय बाजार के लिए काफी सकारात्मक है.
एक्सपर्ट की राय
आनंद राठी वेल्थ के उप-मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) फिरोज अजीज ने कहा कि सकारात्मक वृहद आंकड़ों और निफ्टी में शेयर मूल्य उचित स्तर पर होने के बीच आगे हम शेयरों में म्यूचुअल फंड निवेश में बढ़ोतरी देख सकते हैं. मोतीलाल ओसवाल AMC के मुख्य कारोबार अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि स्थिर GDP वृद्धि, कम मुद्रास्फीति, निवेशक-अनुकूल नीतियों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रति वैश्विक बाजार की धारणा से शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और म्यूचुअल फंड का निवेश बढ़ रहा है.’
(पीटीआई- भाषा)