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Standup India Scheme: ‘स्टैंड-अप इंडिया’ से लाभान्वित हुए 1.80 लाख लाभार्थी, बढ़ा योजना का कार्यकाल

देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह से प्रयास करती है. इसी प्रयास के तहत सरकार ने Standup India Scheme की शुरुआत साल 2016 में की गई. जिसके तहत अब तक 40,700 करोड़ रुपये का कर्ज लोगों को दिया जा चुका है. पढ़ें पूरी खबर.

Standup India Scheme
स्टैंड-अप इंडिया
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Published : Apr 5, 2023, 4:47 PM IST

नई दिल्ली : जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने पिछले सात साल में 'स्टैंड-अप इंडिया अभियान' के तहत 1.80 लाख से अधिक लाभार्थियों को 40,700 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज मंजूर किया है. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन है.

'स्टैंड-अप इंडिया अभियान' का कार्यकाल बढ़ा : पांच अप्रैल, 2016 को शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया योजना को 2025 तक बढ़ा दिया गया है. इस योजना के तहत सभी बैंक शाखाओं को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को कर्ज देकर अपने खुद के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

फाइनेंस मिनिस्टर ने योजना पर खुशी जाहिर की : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने योजना के सात साल पूरे होने के मौके पर कहा, ‘यह मेरे लिए गर्व और संतोष की बात है कि 1.8 लाख से अधिक महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए हैं. इस पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है.'

चुनौतियों के समाधान के रूप में योजना की शुरुआत : वित्त मंत्री ने कहा कि योजना ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को निर्बाध ऋण सुनिश्चित किया है. अपना कारोबार शुरू करने और विनिर्माण, सेवा और व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़े उद्यम लगाने में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी. वित्त मंत्री ने कहा, इस योजना ने एक परिवेश तैयार किया जो बैंकों से लोन लेकर नए उद्यम लगाने की सुविधा देता है.

पढ़ें : Amazon Help Startups : करोड़ों रुपए की मदद स्टार्टअप को देने के लिए तैयार Amazon

नई दिल्ली : जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने पिछले सात साल में 'स्टैंड-अप इंडिया अभियान' के तहत 1.80 लाख से अधिक लाभार्थियों को 40,700 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज मंजूर किया है. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन है.

'स्टैंड-अप इंडिया अभियान' का कार्यकाल बढ़ा : पांच अप्रैल, 2016 को शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया योजना को 2025 तक बढ़ा दिया गया है. इस योजना के तहत सभी बैंक शाखाओं को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को कर्ज देकर अपने खुद के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

फाइनेंस मिनिस्टर ने योजना पर खुशी जाहिर की : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने योजना के सात साल पूरे होने के मौके पर कहा, ‘यह मेरे लिए गर्व और संतोष की बात है कि 1.8 लाख से अधिक महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए हैं. इस पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है.'

चुनौतियों के समाधान के रूप में योजना की शुरुआत : वित्त मंत्री ने कहा कि योजना ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को निर्बाध ऋण सुनिश्चित किया है. अपना कारोबार शुरू करने और विनिर्माण, सेवा और व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़े उद्यम लगाने में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी. वित्त मंत्री ने कहा, इस योजना ने एक परिवेश तैयार किया जो बैंकों से लोन लेकर नए उद्यम लगाने की सुविधा देता है.

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