नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की दीर्घावधि जमा रेटिंग की पुष्टि की. साथ ही Punjab National Bank (PNB), Canara Bank और Bank of Baroda की जमा रेटिंग में सुधार किया. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के इन सभी बैंकों की लंबी अवधि की रेटिंग का परिदृश्य स्थिर बना हुआ है. मूडीज ने State Bank of India (SBI) की दीर्घावधि स्थानीय और विदेशी मुद्रा बैंक जमा रेटिंग को BAA-3 पर बनाए रखा है. जबकि बाकी तीनों सार्वजनिक बैंकों की दीर्घावधि जमा रेटिंग में सुधार किया है. BAA-3 रेटिंग Moody’s द्वारा दी जाने वाली रेटिंग है. जो अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले बॉन्ड या निवेश का प्रतिनिधित्व करती है. बैंकों को बीएए3 रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति होती है.
मूडीज की रेटिंग बैंक की क्षमता को दर्शाती है
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा, 'एसबीआई की दीर्घकालिक जमा रेटिंग को बीएए3 पर बनाए रखना और बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और पीएनबी की दीर्घकालिक जमा रेटिंग को बीएए1 से उन्नत कर बीएए3 करना भारत के वृहद आर्थिक परिदृश्य में सुधार को दर्शाता है. इससे जरूरत के समय बैंकों को बहुत उच्च स्तर की सरकारी समर्थन की धारणा भी परिलक्षित होती है.' मूडीज की बैंक जमा रेटिंग किसी बैंक की विदेशी और घरेलू मुद्रा जमा दायित्वों को समय पर चुकाने की क्षमता को दर्शाती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद
मूडीज ने कहा कि भारत में लोन की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है. खुदरा कर्जों का प्रदर्शन अच्छा हुआ है और कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी सुधरी है. हालांकि छोटे और मध्यम आकार की कंपनियां अब भी बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता के लिए जोखिम बनी हुई हैं. मूडीज ने कहा, 'भारत की आर्थिक वृद्धि पर बढ़ती दरों और वैश्विक मंदी का असर होगा, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगी. इन कारकों से बैंकों के लिए परिचालन के माहौल में मददगार बना रहेगा.' रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि अगले एक-डेढ़ साल में बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी. जिसमें अनुकूल परिचालन परिवेश और कंपनियों के बहीखाते में सुधार से मदद मिलेगी.
(पीटीआई-भाषा)
पढ़ें : मूडीज ने 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 7 फीसदी किया
पढ़ें : मूडीज ने 2022 के लिए भारत के इकोनॉमिक ग्रोथ रेट का घटाया अनुमान