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Basmati Rice Export: बासमती चावल के निर्यात पर सरकार ने सशर्त लगाई पाबंदी, घरेलू भंडार बढ़ाने पर जोर

चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. इसी कड़ी में सरकार ने अब बासमती चावल के निर्यात पर सशर्त प्रतिबंध लगा दिया है. क्या है शर्त, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Basmati Rice Export
बासमती चावल निर्यात
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2023, 4:09 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित ‘अवैध’ निर्यात को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से कम दाम के बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने व्यापार प्रमोशन निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट को रजिस्टर्ड नहीं करने का निर्देश दिया है. मौजूदा 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट को स्थगित रखा गया है.

घरेलू आपूर्ति बढ़ाने पर सरकार ने उठाए ये कदम
भविष्य के लिए एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में एक समिति गठित की जाएगी. चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है.

  • पिछले साल सितंबर में उसने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
  • जबकि पिछले महीने सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाया था.
  • पिछले सप्ताह, उसना गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था.

इन प्रतिबंधों के साथ भारत ने अब गैर-बासमती चावल की सभी किस्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक
वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, सरकार ने बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित अवैध निर्यात को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय शुरू करने के लिए एपीडा को निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार, केवल 1,200 डॉलर प्रति टन और उससे अधिक मूल्य वाले बासमती निर्यात के अनुबंधों को पंजीकरण–सह– आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए. विदेश व्यापार नीति के अनुसार, एपीडा को बासमती चावल के निर्यात के लिए सभी अनुबंधों को पंजीकृत करना अनिवार्य है और फिर यह बासमती चावल के निर्यात के लिए आरसीएसी जारी करता है.

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(पीटीआई- भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित ‘अवैध’ निर्यात को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से कम दाम के बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने व्यापार प्रमोशन निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट को रजिस्टर्ड नहीं करने का निर्देश दिया है. मौजूदा 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कॉन्ट्रैक्ट को स्थगित रखा गया है.

घरेलू आपूर्ति बढ़ाने पर सरकार ने उठाए ये कदम
भविष्य के लिए एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में एक समिति गठित की जाएगी. चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है.

  • पिछले साल सितंबर में उसने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
  • जबकि पिछले महीने सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाया था.
  • पिछले सप्ताह, उसना गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था.

इन प्रतिबंधों के साथ भारत ने अब गैर-बासमती चावल की सभी किस्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक
वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, सरकार ने बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित अवैध निर्यात को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय शुरू करने के लिए एपीडा को निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार, केवल 1,200 डॉलर प्रति टन और उससे अधिक मूल्य वाले बासमती निर्यात के अनुबंधों को पंजीकरण–सह– आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए. विदेश व्यापार नीति के अनुसार, एपीडा को बासमती चावल के निर्यात के लिए सभी अनुबंधों को पंजीकृत करना अनिवार्य है और फिर यह बासमती चावल के निर्यात के लिए आरसीएसी जारी करता है.

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(पीटीआई- भाषा)

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