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Micro Lenders: माइक्रो लेंडर इन्हें बना रहे अपना निशाना, लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें

माइक्रो लेंडर हमेशा बेरोजगार और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. ऐसे में उनसे लोन लेने से पहले कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखें. वरना आप उनके जाल में फंस सकते हैं और आर्थिक बदहाली हो सकती है. आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि माइक्रो लेंडर से लोन लेते समय किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

Micro Lenders
माइक्रो लेंडर
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Published : Feb 11, 2023, 12:44 PM IST

हैदराबाद: आर्थिक परेशानी के समय जल्दबाजी में लिया गया फैसला बड़ा नुकसान और तकलीफदेह हो सकता है. जिन लोगों के पास आय का नियमित स्रोत नहीं है या रोजगार खो दिया है, वे गलत वित्तीय निर्णय लेते हैं. यही वह जगह है जहां माइक्रो फाइनेंस कंपनियां जरूरतमंद लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाकर उन्हें अपना शिकार बनाती हैं. ऐसे बेइमान माइक्रो लेंडर के जाल में फंसने से बचने के लिए बेरोजगार युवाओं और असावधान छात्रों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

माइक्रो लेंडर के बारे में जरुरी बातें पता करें : माइक्रो लोन के लिए जाते समय सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह जांचना है कि लोन ऐप फर्म का कोई ऑफिस पता है या नहीं. यहां तक कि माइक्रो वित्त में व्यवसाय करने के लिए, एक फर्म को निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं. उनके पास भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मोबाइल-ओनली NBFC (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी) का लाइसेंस है या नहीं. इन सारी बातों के बारे में जांच कर लेना चाहिए.

माइक्रो लेंडर जरुरतमंद युवाओं को बनाते हैं अपना टार्गेट: स्मार्ट फोन और डिजिटल मीडिया के माध्यम से लोन देने वाले माइक्रो लेंडर जरूरतमंद युवाओं का ध्यान आकर्षित करने में सक्षम हैं. सही डॉक्यूमेंट के बिना बैंकों और नियमित वित्तीय संस्थानों से लोन लेना असंभव है. ऐसे में माइक्रो लेंडर्स न तो कोई दस्तावेज मांग रहे हैं और न ही कर्जदारों के हस्ताक्षर. वे जरुरतमंद कर्जदारों के बीच अत्यावश्यकता की भावना पैदा करते हैं और उन्हें डिजिटल लोन लेने के लिए मजबूर करते हैं.

लोन ऐप डाउनलोड करने से पहले सोचें : लोन ऐप डाउनलोड करने से पहले दो बार सोचना चाहिए क्योंकि वे आपके व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने का परमीशन मांगते हैं. जिसमें आपका फोन नंबर और फोटो होती है. संभवत इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. एक बार जब आप अपने जानकारों के फोन नंबर दे देते हैं, तो वे भविष्य में आपको अत्यधिक सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए इन कॉन्टेक्टस का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. माइक्रो लेंडर उधारकर्ता के परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों को भी टॉरगेट करते हैं.

इमरजेंसी लोन लेने से पहले इंटरेस्ट रेट चेक करें : माइक्रो लेंडर लोन लेने वालों के आधार और पैन कार्ड इफोर्मेंसन का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्हें बार-बार लोन लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. लेंडर आपके व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग करते हैं और आपको धोखाधड़ी में फंसा देते हैं. जब अर्जेंट पैसे की जरूरत होती है, तो व्यक्ति तत्काल लोन के लिए जा सकता है, लेकिन संबंधित मोबाइल लोन ऐप की साख की जांच करने के बाद ही लोन लें. इसके साथ ही अर्जेंट लोन लेने पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट भी जरूर चेक करें.

माइक्रो लेंडर एक ऐसी Financial Support Company है जो सभी लोगों को छोटे पैमाने पर वितीय सेवाएं प्रदान करती है. यानि कि ये लोन और Small Short Schemes चलाती हैं. जिससे कि आम व्यक्ति भी आसानी से Low Interest पर लोन ले सके.

पढ़ें : Credit Score अच्छा हो तो आसानी से मिलता है लोन, क्रेडिट स्कोर को 750 से ज्यादा बढ़ाने के टिप्स

हैदराबाद: आर्थिक परेशानी के समय जल्दबाजी में लिया गया फैसला बड़ा नुकसान और तकलीफदेह हो सकता है. जिन लोगों के पास आय का नियमित स्रोत नहीं है या रोजगार खो दिया है, वे गलत वित्तीय निर्णय लेते हैं. यही वह जगह है जहां माइक्रो फाइनेंस कंपनियां जरूरतमंद लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाकर उन्हें अपना शिकार बनाती हैं. ऐसे बेइमान माइक्रो लेंडर के जाल में फंसने से बचने के लिए बेरोजगार युवाओं और असावधान छात्रों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

माइक्रो लेंडर के बारे में जरुरी बातें पता करें : माइक्रो लोन के लिए जाते समय सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह जांचना है कि लोन ऐप फर्म का कोई ऑफिस पता है या नहीं. यहां तक कि माइक्रो वित्त में व्यवसाय करने के लिए, एक फर्म को निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं. उनके पास भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मोबाइल-ओनली NBFC (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी) का लाइसेंस है या नहीं. इन सारी बातों के बारे में जांच कर लेना चाहिए.

माइक्रो लेंडर जरुरतमंद युवाओं को बनाते हैं अपना टार्गेट: स्मार्ट फोन और डिजिटल मीडिया के माध्यम से लोन देने वाले माइक्रो लेंडर जरूरतमंद युवाओं का ध्यान आकर्षित करने में सक्षम हैं. सही डॉक्यूमेंट के बिना बैंकों और नियमित वित्तीय संस्थानों से लोन लेना असंभव है. ऐसे में माइक्रो लेंडर्स न तो कोई दस्तावेज मांग रहे हैं और न ही कर्जदारों के हस्ताक्षर. वे जरुरतमंद कर्जदारों के बीच अत्यावश्यकता की भावना पैदा करते हैं और उन्हें डिजिटल लोन लेने के लिए मजबूर करते हैं.

लोन ऐप डाउनलोड करने से पहले सोचें : लोन ऐप डाउनलोड करने से पहले दो बार सोचना चाहिए क्योंकि वे आपके व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने का परमीशन मांगते हैं. जिसमें आपका फोन नंबर और फोटो होती है. संभवत इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. एक बार जब आप अपने जानकारों के फोन नंबर दे देते हैं, तो वे भविष्य में आपको अत्यधिक सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए इन कॉन्टेक्टस का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. माइक्रो लेंडर उधारकर्ता के परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों को भी टॉरगेट करते हैं.

इमरजेंसी लोन लेने से पहले इंटरेस्ट रेट चेक करें : माइक्रो लेंडर लोन लेने वालों के आधार और पैन कार्ड इफोर्मेंसन का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्हें बार-बार लोन लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. लेंडर आपके व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग करते हैं और आपको धोखाधड़ी में फंसा देते हैं. जब अर्जेंट पैसे की जरूरत होती है, तो व्यक्ति तत्काल लोन के लिए जा सकता है, लेकिन संबंधित मोबाइल लोन ऐप की साख की जांच करने के बाद ही लोन लें. इसके साथ ही अर्जेंट लोन लेने पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट भी जरूर चेक करें.

माइक्रो लेंडर एक ऐसी Financial Support Company है जो सभी लोगों को छोटे पैमाने पर वितीय सेवाएं प्रदान करती है. यानि कि ये लोन और Small Short Schemes चलाती हैं. जिससे कि आम व्यक्ति भी आसानी से Low Interest पर लोन ले सके.

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