नई दिल्लीः केंद्र ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा को 15 जनवरी से एक साल के लिए फिर से नियुक्त किया (Michael Debabrata Patra reappointed As RBI Deputy Governor) है. यह फैसला कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने लिया. पात्रा 1985 से बैंकिंग सेक्टर में हैं. उन्होंने 14 जनवरी 2020 को RBI के डिप्टी गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था. उन्होंने केंद्रीय बैंक में विभिन्न पदों पर काम किया है.
कार्यकारी निदेशक के रूप में, वह आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) के सदस्य थे, जिसे भारत में मौद्रिक नीति निर्णय लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वे डिप्टी गवर्नर के रूप में एमपीसी के पदेन सदस्य बने रहेंगे. इससे पहले, वह जुलाई 2012 और अक्टूबर 2014 के बीच आरबीआई के मौद्रिक नीति विभाग के प्रधान सलाहकार थे. पात्रा ने दिसंबर 2008 से जून 2012 के दौरान कार्यकारी निदेशक (भारत) के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) में काम किया है, जब वे ग्लोबल वित्तीय संकट (global financial crisis) और चल रहे यूरो संप्रभुता की अवधि के दौरान आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के काम में सक्रिय रूप से शामिल थे.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की नियुक्ति, विरल आचार्य के इस्तीफे के बाद किया गया था. पात्रा ने 14 जनवरी 2020 को डिप्टी गवर्नर के योगदान दिया था. कोरोना संकट के बाद देश की देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लिए लगातार कदम उठाये जा रहे हैं. वहीं आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट काफी अहम माना जा रहा है. बजट में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ आरबीई के वरीय अधिकारियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होता है. माना जा रहा है कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार की ओर से किसी नये व्यक्ति की नियुक्ति के बजाय वर्तमान डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की नियुक्ति नये सिरे से एक साल के लिए कर दिया गया है.
(आईएएनएस)
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