नई दिल्ली : मार्क जुकरबर्ग के नेतृत्व वाली कंपनी मेटा में एक बार फिर छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दूसरे राउंड की छंटनी में कंपनी लगभग 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालेगी. जो तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. बताया जा रहा है कि फेसबुक और व्हॉटसएप की पैरेंट कंपनी मेटा में छंटनी की यह आखिरी लहर है. इससे पहले मेटा ने पहले राउंड में 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला था.
मार्क ने पहले ही दिए थे संकेत
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने मार्च 2023 में छंटनी के संबंध में कहा था कि कंपनी दूसरे दौर की छंटनी का बड़ा हिस्सा कई महीनों में पूरी करेगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि छंटनी के कुछ दौर बाद में भी जारी रह सकते हैं. विदित हो कि अप्रैल माह में Mark Zuckerberg ने 4000 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया था. उसके बाद अब मई माह में 10,000 कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकी है. आपको बता दें कि नवबंर 2022 में मेटा में 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था.
छंटनी से कौन होंगे प्रभावित
मेटा के दूसरे दौर की छंटनी का असर कंपनी के कई सेक्शंस में काम कर रहे कर्मचारियों पर पड़ेगा. जिसमें मार्केटिंग, सेल्स, साइट सिक्योरिटी, प्रोग्राम मैनेजमेंट, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस और कंटेंट कैटेगरी डिपार्टमेंट शामिल है. पहले दौर की छंटनी में भी इन डिपार्टमेंट से जुड़े कई कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है. मेटा के नए दौर की छंटनी का असर Facebook India की पर भी नजर आएगा. इस बार भारत में एडमिनिस्ट्रेशन, HR, मार्केटिंग समेत दूसरे कर्मचारियों पर छंटनी का खतरा है.
मेटा में छंटनी की वजह
कई दिग्गज कंपनियां वैश्विक मंदी की आशंका के बीच लागत में कटौती का हवाला देते हुए छंटनियां कर रही हैं. जिसमें से मेटा भी एक है. हालांकि कंपनी के छंटनी की दूसरी वजह भी है. दरअसल मेटा ने साल 2020 में कोरोना काल के दौरान कंपनी में जबरदस्त हायरिंग की थी. जिसके चलते कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हो गई. अब पोस्ट कोविड के बाद कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए छंटनी शुरू कर दी है. इस छंटनी के साथ ही मेटा में कर्मचारियों की संख्या 2021 के मध्य के बराबर हो जाएगी.
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