मुंबई: जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services 'JFS') के तिमाही रिजल्ट आज घोषित होने वाले हैं. लिस्टिंग के बाद से जियो फाइनेंशियल पहली बार नतीजे पेश करेगा. प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, इसके रिजल्ट के पहले ही पिछले महीने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) ने अपनी हिस्सेदारी सितंबर के आखिर में एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) कम कर दी है.
एनबीएफसी ने अपनी हिस्सेदारी अगस्त 6.63 फीसदी से घटाकर 4.71 फीसदी कर दी थी. वहीं, एसबीआई ने भी म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी 1.38 फीसदी से घटाकर 0.20 फीसदी कर दी है. निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी 0.53 फीसदी से घटाकर 0.33 फीसदी कर दी और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी 0.33 फीसदी से घटाकर 0.19 फीसदी कर दी है.
कुछ म्यूचुअल फंड हाउस ने बढ़ाई हिस्सेदारी
वहीं, कुछ म्यूचुअल फंड हाउस ने अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया भी है.इसके साथ ही इंवेस्को और महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने अगस्त में अपनी हिस्सेदारी 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.10 फीसदी कर दी है. इस बीच, संदीप टंडन के क्वांट म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी 1.07 फीसदी से बढ़ाकर 1.10 फीसदी कर दी है. जेएफएस (JFS) ने परिसंपत्ति प्रबंधन उद्योग (Asset management Industry) में प्रवेश करने के लिए दुनिया की फेमस कंपनी ब्लैकरॉक के साथ साझेदारी की है.
हालांकि, कर्ज देने के क्षेत्र में इसकी योजनाओं की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि किराना स्टोर में अपनी ओरिजिनल कंपनी के पहुंच के कारण जेएफएस व्यापारी और ग्राहक लोन देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. जून के अंत तक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्टोरों की कुल संख्या 18,446 थी और पंजीकृत ग्राहकों (Registered customers) की संख्या 26.7 करोड़ थी.
रिलायंस (Reliance) ने शुरुआत में दुनिया के सबसे अधिक पूंजी वाले फाइनेंशियल सेवा प्लेटफार्मों में से एक बनाने के लिए जेएफएस को 1,20,000 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ कैपिटल किया है. जेएफएस का वर्तमान बाजार कैपिटल 1.42 लाख करोड़ रुपये है, जो इसे बजाज फाइनेंस और इसकी होल्डिंग कंपनी बजाज फिनसर्व के बाद तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी बनाता है.