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Saving For Post-Retirement : भारतीयों को सता रही रिटायरमेंट की चिंता, जीवनयापन के लिए कर रहे 'बचत' - मैक्स लाइफ इंश्योरेंस

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि देश के लोग अब रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए ‘बचत’ पर धीरे-धीरे ध्यान देने लगे हैं. जानें सर्वेक्षण में और क्या-क्या बातें बताई गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Saving For Post-Retirement
रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए बचत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 5:33 PM IST

नई दिल्ली : देश के लोग अब रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए ‘बचत’ पर धीरे-धीरे ध्यान देने लगे हैं. हालांकि, भारत आज भी सेवानिवृत्ति कोष के मामले में पूरी तरह संरक्षित नहीं है. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी है. आंकड़ा विश्लेषक कंपनी कांतार के साथ मिलकर किए गए भारत सेवानिवृत्ति सूचकांक अध्ययन (आईआरआईएस) में सूचकांक 44 से सुधरकर 47 हो गया.

इस ऑनलाइन सर्वे में देश के 28 शहरों के 2,093 लोग शामिल हुए. सर्वेक्षण में स्वास्थ्य, वित्त और भावनाओं को लेकर उत्तरदाताओं के विचारों का आकलन किया गया था. मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत त्रिपाठी ने कहा कि लोगों ने स्वास्थ्य को महत्व देना शुरू कर दिया है और वे स्वास्थ्य बीमा और समय-समय पर जांच का सहारा ले रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोग स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दे रहे हैं.

त्रिपाठी ने कहा-
'भारत में लोग स्वास्थ्य पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं. क्षेत्रवार, पूर्वी क्षेत्र और दूसरी श्रेणी के शहर स्वास्थ्य जागरूकता के मामले में अच्छी प्रगति कर रहे हैं.'

सर्वेक्षण के अनुसार, 44 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है और 58 प्रतिशत ने पिछले तीन साल में स्वास्थ्य जांच कराई है. वित्तीय नियोजन के संदर्भ में, सर्वेक्षण में पाया गया कि 90 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उन्होंने जल्दी बचत शुरू नहीं की और 40 प्रतिशत ने कहा कि उनकी बचत योजना सेवानिवृत्ति के बाद 10 साल तक चलेगी. वहीं 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद जीवनयापन के लिए निवेश शुरू नहीं किया है.

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(भाषा)

नई दिल्ली : देश के लोग अब रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए ‘बचत’ पर धीरे-धीरे ध्यान देने लगे हैं. हालांकि, भारत आज भी सेवानिवृत्ति कोष के मामले में पूरी तरह संरक्षित नहीं है. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी है. आंकड़ा विश्लेषक कंपनी कांतार के साथ मिलकर किए गए भारत सेवानिवृत्ति सूचकांक अध्ययन (आईआरआईएस) में सूचकांक 44 से सुधरकर 47 हो गया.

इस ऑनलाइन सर्वे में देश के 28 शहरों के 2,093 लोग शामिल हुए. सर्वेक्षण में स्वास्थ्य, वित्त और भावनाओं को लेकर उत्तरदाताओं के विचारों का आकलन किया गया था. मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत त्रिपाठी ने कहा कि लोगों ने स्वास्थ्य को महत्व देना शुरू कर दिया है और वे स्वास्थ्य बीमा और समय-समय पर जांच का सहारा ले रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोग स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दे रहे हैं.

त्रिपाठी ने कहा-
'भारत में लोग स्वास्थ्य पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं. क्षेत्रवार, पूर्वी क्षेत्र और दूसरी श्रेणी के शहर स्वास्थ्य जागरूकता के मामले में अच्छी प्रगति कर रहे हैं.'

सर्वेक्षण के अनुसार, 44 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है और 58 प्रतिशत ने पिछले तीन साल में स्वास्थ्य जांच कराई है. वित्तीय नियोजन के संदर्भ में, सर्वेक्षण में पाया गया कि 90 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उन्होंने जल्दी बचत शुरू नहीं की और 40 प्रतिशत ने कहा कि उनकी बचत योजना सेवानिवृत्ति के बाद 10 साल तक चलेगी. वहीं 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद जीवनयापन के लिए निवेश शुरू नहीं किया है.

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(भाषा)

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