ETV Bharat / business

GDP growth : बारिश कम होने के बावजूद आर्थिक वृद्धि दर 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी: सीईए

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 31, 2023, 8:39 PM IST

Updated : Aug 31, 2023, 9:04 PM IST

मानसूनी बारिश कम होने के बाद भी चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. उक्त बातें मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने मीडिया से बातचीत में कहीं.

V Anantha Nageswaran
वी अनंत नागेश्वरन

नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने गुरुवार को कहा कि मानसूनी बारिश कम रहने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई के बेकाबू होने को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार तथा रिजर्व बैंक दोनों आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिये पर्याप्त कदम उठा रहे हैं.

सीईए ने कहा कि महंगाई को काबू में रखने के लिये सरकार के उपायों और नई फसल आने के साथ खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आने की उम्मीद है. हालांकि, अगस्त में कम बारिश के प्रभाव पर नजर रहेगी. उन्होंने कहा, 'सामान्य तौर पर आर्थिक गतिविधियां तेज हैं...इसलिए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के लिए हमारा अनुमान अब भी 6.5 प्रतिशत पर बना हुआ है.'

नागेश्वरन ने पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर को लेकर जोखिम दोनों तरफ बराबर है. कच्चे तेल के दाम में तेजी और वैश्विक स्तर पर लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रहने तथा वित्तीय स्थिति तंग होने जैसी स्थिति वृद्धि के लिए जोखिम हैं. देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 13.1 प्रतिशत थी. राजकोषीय घाटे के संदर्भ में नागेश्वरन ने कहा कि बजट में निर्धारित 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के ऊपर जाने को लेकर कोई जोखिम नहीं है.

ये भी पढ़ें

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने गुरुवार को कहा कि मानसूनी बारिश कम रहने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई के बेकाबू होने को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार तथा रिजर्व बैंक दोनों आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिये पर्याप्त कदम उठा रहे हैं.

सीईए ने कहा कि महंगाई को काबू में रखने के लिये सरकार के उपायों और नई फसल आने के साथ खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आने की उम्मीद है. हालांकि, अगस्त में कम बारिश के प्रभाव पर नजर रहेगी. उन्होंने कहा, 'सामान्य तौर पर आर्थिक गतिविधियां तेज हैं...इसलिए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के लिए हमारा अनुमान अब भी 6.5 प्रतिशत पर बना हुआ है.'

नागेश्वरन ने पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर को लेकर जोखिम दोनों तरफ बराबर है. कच्चे तेल के दाम में तेजी और वैश्विक स्तर पर लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रहने तथा वित्तीय स्थिति तंग होने जैसी स्थिति वृद्धि के लिए जोखिम हैं. देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 13.1 प्रतिशत थी. राजकोषीय घाटे के संदर्भ में नागेश्वरन ने कहा कि बजट में निर्धारित 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के ऊपर जाने को लेकर कोई जोखिम नहीं है.

ये भी पढ़ें

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 31, 2023, 9:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.