नई दिल्ली : कमजोर आंकड़ों और विकास सुधार पर स्पष्टता की कमी से जूझ रही आईटी कंपनियों के कारण बाजार दबाव में है. बाजार में IT सेक्टर में भारी गिरावट लगातार दर्ज की जा रही है. यह बात जियोजित फाइनेंशियल के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही है. उन्होंने कहा कि अग्रणी बैंकिंग नामों में बाजार को समर्थन जारी रखने की ताकत है. दो प्रमुख मैक्रो रुझान हैं जो बाजार को प्रभावित कर सकते हैं. वैश्विक रुझान थोड़ा नकारात्मक है, जबकि घरेलू रुझान काफी हद तक सकारात्मक है.
उन्होंने आगे कहा, 'सितंबर में अमेरिकी खुदरा मुद्रास्फीति 3.7 प्रतिशत पर उम्मीद से थोड़ी अधिक रही. इस उच्च मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति का निहितार्थ यह है कि अमेरिकी मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के दीर्घकालिक लक्ष्य तक लाने की लड़ाई में अधिक समय लगेगा और इसलिए, दरें लंबे समय तक ऊंची रहेंगी. इससे इक्विटी बाजारों में तेजी पर लगाम लगेगी.'
सितंबर में सीपीआई मुद्रास्फीति में 5.02 प्रतिशत की भारी गिरावट और अगस्त के लिए आईआईपी में प्रभावशाली ढंग से 10.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ घरेलू मैक्रोज़ स्पष्ट रूप से सकारात्मक हो गए हैं. बता दें, शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 428 अंक गिरकर 65,980 अंक पर है. इंफोसिस 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान में रही. एक्सिस बैंक, विप्रो, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई जैसी अन्य प्रमुख कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे. दूसरी ओर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 2.5 फीसदी की तेजी आई.
बता दें, बाजार खुलते ही सेंसेक्स बुधवार को धड़ाम हो गया. मार्केट खुलते ही बीएसई पर सेंसेक्स 242 अंकों के गिरावट के साथ 66,141 पर खुला, वहीं एनएसई पर निफ्टी 0.33 फीसदी के गिरावट के साथ 19,720.55 पर ओपन हुआ.