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Dollar Vs Shekel : डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर शेकेल, जानिए क्या है इजरायली करेंसी का हाल

Hamas-Israel war का असर इजरायली करेंसी पर भी देखने को मिला है. Israel currency शेकेल अमेरिकी Dollar के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी है. पढ़ें पूरी खबर...

Dollar Vs Shekel
डॉलर और शेकेल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 1:49 PM IST

नई दिल्ली: दुनिया केवल एक चीज से चलती है और वह है पैसा और उसको कमाने के लिए हर इंसान मेहनत करता है. लेकिन हर देश की करेंसी अलग-अलग होती है. इन करेंसी का मोल हर देश में बदल जाता है. दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा अमेरिकी डॉलर मानी जाती है, क्योंकि दुनिया में हर जगह डॉलर से कारोबार हो सकता है. दुनियाभर के देशों का आकलन Dollar के हिसाब से किया जाता है, इसलिए ये पावरफुल करेंसी है.

इधर Hamas-Israel war का असर Israel की करेंसी शेकेल पर भी पड़ रहा है. इस युद्ध के कारण इजरायल की अर्थव्यवस्था चरमराती दिखाई दे रही है, जिसके बाद इजरायल की करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि इजरायली currency शेकेल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. इजरायली करेंसी सात साल के सबसे निचले स्तर पर जा गिरी है. पिछले हफ्ते शनिवार को इजरायल पर फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध में अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके है. हमास आतंकवादी समूह और इजराइल के बीच हमलों की झड़ी जारी है.

इजरायल-हमास युद्ध का असर शेकेल पर
देश में बढ़ते Military Conflict ने मुद्रा का टेस्ट किया है और संघर्ष के सबसे महत्वपूर्ण बाजार परिणामों में से एक को चिह्नित किया है. इसके बाद Israel Currency Shekel अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3.85 से गिरकर 3.96 पर आ गया, जो टोटल वैल्यू में 3 फीसदी की हानि है. बता दें कि 2 फरवरी 2016 के बाद से Dollar के मुकाबले शेकेल का सबसे कमजोर स्तर है. Shekel की मंदी लगातार जारी है, जिसके बाद इजरायल केंद्रीय बैंक ने घोषणा की कि वह शेकेल को बढ़ाने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में से 30 अरब डॉलर की बिक्री करेगा.

डॉलर क्यों हैं इतना मजबूत
विश्व के हर देश में डॉलर को अंतरराष्ट्रीय करेंसी माना जाता है. क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा सोना अमेरिका में पाया जाता है अगर किसी देश को सोना खरीदना है तो उसे Dollar में ही उसका भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा दुनिया में हथियार बनाने वाली कंपनी ज्यादातर अमेरिका में ही है. इसलिए दूसरे देशों को अमेरिका पर हथियार के लिए निर्भर होना पड़ता है और इसके लिए भुगतान Dollar में ही किया जाता है.

Dollar
डॉलर

इसके साथ ही इराक, ईरान सहित कई देशों में कच्चा तेल निकालने वाली कंपनी ज्यादातर अमेरिकी ही है. ऐसे में दूसरे देशों को तेल के लिए Dollar में ही भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में किसी भी देश के लिए सबसे जरुरी होता है उसका currency, क्योंकि उसके जरिए ही लेन-देन होता है.

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नई दिल्ली: दुनिया केवल एक चीज से चलती है और वह है पैसा और उसको कमाने के लिए हर इंसान मेहनत करता है. लेकिन हर देश की करेंसी अलग-अलग होती है. इन करेंसी का मोल हर देश में बदल जाता है. दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा अमेरिकी डॉलर मानी जाती है, क्योंकि दुनिया में हर जगह डॉलर से कारोबार हो सकता है. दुनियाभर के देशों का आकलन Dollar के हिसाब से किया जाता है, इसलिए ये पावरफुल करेंसी है.

इधर Hamas-Israel war का असर Israel की करेंसी शेकेल पर भी पड़ रहा है. इस युद्ध के कारण इजरायल की अर्थव्यवस्था चरमराती दिखाई दे रही है, जिसके बाद इजरायल की करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि इजरायली currency शेकेल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. इजरायली करेंसी सात साल के सबसे निचले स्तर पर जा गिरी है. पिछले हफ्ते शनिवार को इजरायल पर फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध में अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके है. हमास आतंकवादी समूह और इजराइल के बीच हमलों की झड़ी जारी है.

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देश में बढ़ते Military Conflict ने मुद्रा का टेस्ट किया है और संघर्ष के सबसे महत्वपूर्ण बाजार परिणामों में से एक को चिह्नित किया है. इसके बाद Israel Currency Shekel अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3.85 से गिरकर 3.96 पर आ गया, जो टोटल वैल्यू में 3 फीसदी की हानि है. बता दें कि 2 फरवरी 2016 के बाद से Dollar के मुकाबले शेकेल का सबसे कमजोर स्तर है. Shekel की मंदी लगातार जारी है, जिसके बाद इजरायल केंद्रीय बैंक ने घोषणा की कि वह शेकेल को बढ़ाने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में से 30 अरब डॉलर की बिक्री करेगा.

डॉलर क्यों हैं इतना मजबूत
विश्व के हर देश में डॉलर को अंतरराष्ट्रीय करेंसी माना जाता है. क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा सोना अमेरिका में पाया जाता है अगर किसी देश को सोना खरीदना है तो उसे Dollar में ही उसका भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा दुनिया में हथियार बनाने वाली कंपनी ज्यादातर अमेरिका में ही है. इसलिए दूसरे देशों को अमेरिका पर हथियार के लिए निर्भर होना पड़ता है और इसके लिए भुगतान Dollar में ही किया जाता है.

Dollar
डॉलर

इसके साथ ही इराक, ईरान सहित कई देशों में कच्चा तेल निकालने वाली कंपनी ज्यादातर अमेरिकी ही है. ऐसे में दूसरे देशों को तेल के लिए Dollar में ही भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में किसी भी देश के लिए सबसे जरुरी होता है उसका currency, क्योंकि उसके जरिए ही लेन-देन होता है.

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