नई दिल्ली: सरकार के प्रोत्साहन, स्थानीय स्तर पर बैटरी विनिर्माण, राज्यों के स्तर पर सब्सिडी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से देश में बिजलीचालित (इलेक्ट्रिक) वाहनों की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी. मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कार बाजार है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की पैठ अभी सिर्फ एक प्रतिशत है.
रिपोर्ट कहती है कि सरकार का 2030 तक बिजलीचालित वाहनों की पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य चार्जिंग ढांचे और उपभोक्ताओं के परंपरागत पेट्रोल, डीजल वाहनों से इलेक्ट्रिक की ओर स्थानांतरित होने के रुख पर निर्भर करेगा. मूडीज ने कहा, 'हमारा मानना है कि सरकार की विभिन्न पहल से देश में ईवी की पहुंच बढ़ेगी. इनमें उपभोक्ताओं को दिया जाने वाला प्रोत्साहन भी शामिल है. इसके अलावा एडवांस बैटरी स्टोरेज के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन, जीएसटी में कटौती और राज्यों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी जैसे कारक भी ईवी की पहुंच बढ़ाने में मदद करेंगे.'
भारत 2022 में जापान को पीछे छोड़कर चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि यदि भारत हाल में जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का उपयोग कर सकता है, तो वह इलेक्ट्रिक वाहन खंड में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच सकता है. इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने वाली बैटरी बनाने में लिथियम एक महत्वपूर्ण तत्व है.
पढ़ें: Inflation FY23 : महंगाई से मिलेगी राहत, कम चुकाने होंगे होम लोन, बस करना होगा थोड़ा इंतजार
सरकार का 2030 तक निजी कारों के 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक वाहनों के लिए 70 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत ईवी बिक्री का लक्ष्य है. मूडीज ने कहा कि टाटा मोटर्स 85 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अप्रैल-दिसंबर, 2022 में बैटरी ईवी बाजार में सबसे आगे है. मूडीज ने कहा कि 165 शहरों में 250 डीलरों के माध्यम से उपस्थिति और करीब 4,300 चार्जिंग पॉइंट के साथ कंपनी पहले ही 50,000 ईवी बेच चुकी है.
पीटीआई-भाषा