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विदेश व्यापार नीति को छह और महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि मुद्रा अस्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता के कारण मौजूदा विदेश व्यापार नीति (foreign trade policy) को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, दीर्घकालिक विदेश व्यापार नीति के लिए भू-राजनीतिक स्थिति उपयुक्त नहीं है.

वाणिज्य मंत्रालय विदेश व्यापार नीति
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Published : Sep 26, 2022, 7:26 PM IST

नई दिल्ली: भारत सरकार ने इस समय लागू विदेश व्यापार नीति (2015-20) को छह और महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति (foreign trade policy) को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी.

यादव ने कहा कि उद्योग संगठनों एवं निर्यात संवर्धन परिषदों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही फिलहाल बनाए रखने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने कहा कि ये संगठन मौजूदा हालात में नई विदेश व्यापार नीति लागू करने के पक्ष में नहीं थे. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि मुद्रा अस्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता के कारण यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, दीर्घकालिक विदेश व्यापार नीति के लिए भू-राजनीतिक स्थिति उपयुक्त नहीं है.

विदेश व्यापार की गतिविधियों से जुड़े तमाम संगठनों का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को देखते हुए अभी मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा. उनका कहना है कि नई विदेश व्यापार नीति को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना वाजिब होगा. इसके पहले उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि सितंबर के अंत तक वह नई विदेश व्यापार नीति जारी कर देगा. (एजेंसी)

नई दिल्ली: भारत सरकार ने इस समय लागू विदेश व्यापार नीति (2015-20) को छह और महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति (foreign trade policy) को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी.

यादव ने कहा कि उद्योग संगठनों एवं निर्यात संवर्धन परिषदों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही फिलहाल बनाए रखने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने कहा कि ये संगठन मौजूदा हालात में नई विदेश व्यापार नीति लागू करने के पक्ष में नहीं थे. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि मुद्रा अस्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता के कारण यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, दीर्घकालिक विदेश व्यापार नीति के लिए भू-राजनीतिक स्थिति उपयुक्त नहीं है.

विदेश व्यापार की गतिविधियों से जुड़े तमाम संगठनों का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को देखते हुए अभी मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा. उनका कहना है कि नई विदेश व्यापार नीति को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना वाजिब होगा. इसके पहले उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि सितंबर के अंत तक वह नई विदेश व्यापार नीति जारी कर देगा. (एजेंसी)

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