नई दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की चार साधारण बीमा कंपनियों में चालू वित्त वर्ष (2023-24) में और पूंजी नहीं डालेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि एक सरकारी गैर-जीवन बीमा कंपनी द्वारा चालू वित्त वर्ष में सरकार को लाभांश देने की संभावना है और ये कंपनियां अपने ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ के लक्ष्य को पा सकेंगी.
चार में से एक इंश्योरेंस कंपनी की स्थिति अच्छी
सरकार ने पिछले साल तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. चालू वित्त वर्ष के बजट में बीमा कंपनियों में पूंजी निवेश उपलब्ध नहीं कराया गया है. भारत में फिलहाल चार साधारण बीमा कंपनियां- न्यू इंडिया इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी हैं. इनमें केवल न्यू इंडिया इंश्योरेंस ही अन्य से बेहतर स्थिति में है.
अधिकारी ने बताया-
'हमें नहीं लगता कि फिलहाल बैंकों में पूंजी निवेश की जरूरत है. बल्कि, एक साधारण बीमा कंपनी इस साल लाभांश दे सकती है.'
इरडा का इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को संभावित दावा राशि के अलावा अतिरिक्त पूंजी बनाए रखने का आदेश दिया है. यह विषम परिस्थितियों में वित्तीय सहायता के रूप में कार्य करता है, जिससे कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, ज्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों का ऊंचा सामूहिक अनुपात रहने की संभावना है जिससे उन्हें शुद्ध रूप से घाटा होगा. हालांकि, यह पिछले कुछ साल की तुलना में कम रहेगा.
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(पीटीआई-भाषा)