नई दिल्ली: Goldman Sachs ने शेयर बाजार की रणनीतिक अपील का हवाला देते हुए भारतीय इक्विटी पर अपना अप्रोच बढ़ा दिया है. वैश्विक मंदी के बीच तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बड़े घरेलू बाजार से गोल्डमैन सैक्स प्रेरित हुआ है. एशियाई बाजारों के लेटेस्ट Goldman Sachs मूल्यांकन के अनुसार भारत के आने वाले वर्षों में मिड टर्म आय में वृद्धि की संभावना के साथ, लॉन्ग टर्म विकास के अवसर प्रदान करने का अनुमान है.
Goldman Sachs ने जारी किया रिपोर्ट
Goldman Sachs ने बड़े पैमाने पर घरेलू-ओरियेन्टेड विकास को देखा जो निवेशकों को निवेश पर अच्छा रिटर्न दे सकता है. साथ ही 'मेक-इन-इंडिया', लार्ज-कैप कंपाउंडर्स और मिड-कैप मल्टीबैगर्स जैसी पहल शामिल हैं. दूसरी ओर, Goldman Sachs ने कम आय वृद्धि के कारण हांगकांग में कारोबार करने वाले चीन के शेयरों पर अपनी रेटिंग घटा दी है.
चीनी शेयरों की रेटिंग घटी
बैंक ने हांगकांग में लिस्टिंग चीनी कंपनियों को मार्केट वेट और हांगकांग की कंपनियों को अंडरवेट में घटा दिया है. बैंक ने आवास क्षेत्र में मंदी, उच्च ऋण स्तर और प्रतिकूल जनसांख्यिकी से उत्पन्न चीन की अर्थव्यवस्था में धीमी वृद्धि की स्ट्रक्चरल चुनौतियों को लाल झंडी दिखा दी है. वहीं, Goldman Sachs चीन के बाहर के देश के शेयरों पर ओवरवेट बना हुआ है. बैंक के रणनीतिकारों के अनुसार, उच्च उत्पादकता और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और नए बुनियादी ढांचे जैसे अधिक आत्मनिर्भरता वाले क्षेत्रों में चीन का अच्छा प्रदर्शन हो सकता है.