नई दिल्ली/मुंबई : बहुमूल्य धातुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने का भाव 225 रुपये के नुकसान के साथ 60075 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60300 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था. चांदी की कीमत भी 380 रुपये की गिरावट के साथ 75,600 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक - जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजारों में सोने की हाजिर कीमत 225 रुपये की गिरावट के साथ 60,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थी.’’ विदेशी बाजारों में सोना गिरावट के साथ 1,987 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी घटकर 25.05 डॉलर प्रति औंस रह गई. मंगलवार को एशियाई बाजारों के कारोबार के घंटों में सोने में गिरावट का रुख था.
शेयर बाजार में लगातार आठवें दिन तेजी
स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार आठवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 242 अंक से अधिक की बढ़त में बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली इन्फोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही. साथ ही एशिया के अन्य बाजारों में मजबूत रुख तथा अप्रैल में रिकॉर्ड जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह से भी बाजार को समर्थन मिला.
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 242.27 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,354.71 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 373.8 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 82.65 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,147.65 अंक पर बंद हुआ. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों के रुख के उलट घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बना हुआ है. इसका प्रमुख कारण कंपनियों के चौथी तिमाही के बेहतर परिणाम और अनुकूल घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े हैं. नये कारोबार, कीमत दबाव में नरमी और आपूर्ति व्यवस्था की स्थिति में सुधार से विनिर्माण पीएमआई उम्मीद से अधिक रहा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, जीएसटी संग्रह अप्रैल में रिकॉर्ड स्तर पर रहा. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले जहां पश्चिमी बाजारों में कारोबार नरम रहा, वहीं घरेलू बाजार को एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) के मजबूत पूंजी प्रवाह से लाभ हुआ.’’ सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, टाटा स्टील, मारुति, इन्फोसिस, पावरग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो और महिंद्रा एंड महिंद्रा सबसे ज्यादा लाभ में रहीं.
दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक और नेस्ले शामिल हैं. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे. हालांकि, यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार सोमवार को मामूली नुकसान के साथ बंद हुआ.
GST Collection
वित्त मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में GST collection सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया. यह किसी एक महीने में अबतक का सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह है. वहीं नये कारोबार में अच्छी वृद्धि, बेहतर अंतरराष्ट्रीय बिक्री और कीमत दबाव कुछ कम होने तथा आपूर्ति व्यवस्था में सुधार से देश में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई है और अप्रैल में यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.
मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधन सूचकांक ( PMI ) मार्च में 56.4 से बढ़कर अप्रैल में 57.2 हो गया. विदेशी संस्थागत निवेशक ( FII ) शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने 3,304.32 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. बाजार को अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर के बारे में निर्णय का इंतजार है. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत घटकर 79.03 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
(भाषा)