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धनतेरस पर चमकेगा सोने का भाव, जानें किन कारणों से हो सकता उछाल

इस त्योहारी सीजन में सोने की कीमतें 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है. इजराइल-हमास युद्ध के चलते अनिश्चितताओं के माहौल में सुरक्षित निवेश की मांग जोर पकड़ रही है. पढ़ें पूरी खबर...(Gold prices, Motilal Oswal Financial Services, gold prices shoot up, Unique Ways To Buy, Invest In Gold, festive season, buying gold jewellery, Gold Savings Schemes, gold schemes)

Gold prices
सोने का भाव
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By IANS

Published : Nov 7, 2023, 7:47 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 7:54 PM IST

मुंबई: त्योहारी सीजन के मांग को देखते हुए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने बताया है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएंगी. इजराइल-हमास युद्ध के चलते अनिश्चितताओं के माहौल में सुरक्षित निवेश की मांग जोर पकड़ रही है. इसका एक और कारण ये है कि दुनिया भर के बैंक ब्याज दरों को बरकरार रखे हुए हैं. इस साल, सोने के भाव में उतार-चढ़ाव देखा गया, जिससे तेजी और मंदी दोनों देखने को मिला.

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सोने का भाव

सोने के भाव में बढ़ोतरी की क्या है वजह?
प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक दर बढ़ोतरी ने कुछ समय के लिए सर्राफा की चमक को फीका कर दिया था. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के भूराजनीतिक तनाव और मौजूदा मौद्रिक नीति ने सोने की कीमत को मजबूत समर्थन दिया है. निश्चित रूप से कीमती धातु के लिए कुछ विपरीत परिस्थितियां हैं जैसे सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीदें, दरों में आगे बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक तनाव में कमी. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध और अब इजराइल-हमास संघर्ष तक जोखिम की कीमत सोने में लगाई जा रही है.

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सोने का भाव

यूएस फेड का असर
मध्य पूर्व विवाद में नरमी और/या यूएस फेड के सख्त रुख जारी रहने से सोने की कीमत पर असर पड़ सकता है. हालांकि, ये कारण अपेक्षा से अधिक समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं जो सोने की कीमत में 63,000 रूपए प्रति 10 ग्राम के लिए प्रेरित कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक की नीतियों, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, हार्ड और सॉफ्ट लैंडिंग के बीच, जोखिम वाली संपत्तियों में अधिक खरीददारी और डॉलर इंडेक्स और यील्ड में अस्थिरता जैसे कुछ प्रमुख बुनियादी बदलावों के चलते, इस साल सोने और चांदी के भाव में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया है.

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सोने का भाव

त्योहारी सीजन के मांग ने बढ़ाई कीमत
अब तक अस्थिरता कुछ ज्यादा ही रही है. रिपोर्ट बताती है कि इस साल की शुरुआत में सोना 2,070 डॉलर के लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था और फिर 1,800 डॉलर के करीब निचले स्तर पर आ गया, और अब वापस 2,000 डॉलर पर फिर से पहुंच गया है. त्योहारी सीजन में सर्राफा की मांग बढ़ जाती है, लेकिन हाल ही में मांग के रुझान में तेज बदलाव देखा गया है, जहां बाजार किसी कारण का इंतजार नहीं करता, और निवेशक जहां भी उचित मौका देखते हैं तब निवेश करते हैं.

सोने में तेजी के कई कारण हैं जो बार-बार बदलते रहते हैं. लेकिन एक बात तय है - अगर आपने 2019 की दिवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दिवाली तक आपको 60 फीसदी का रिटर्न मिलता. रिपोर्ट में कहा गया है, 5 और 1 वर्ष की अवधि में एसपीडीआर गोल्ड शेयरों ने क्रमश- 30 फीसदी और 10 फीसदी की बढ़त दर्ज की है, जबकि समान समय में घरेलू गोल्ड ईटीएफ का औसत लाभ क्रमश- 55 फीसदी और 15 फीसदी शत है.

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प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक दर बढ़ोतरी ने कुछ समय के लिए सर्राफा की चमक को फीका कर दिया था. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के भूराजनीतिक तनाव और मौजूदा मौद्रिक नीति ने सोने की कीमत को मजबूत समर्थन दिया है. निश्चित रूप से कीमती धातु के लिए कुछ विपरीत परिस्थितियां हैं जैसे सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीदें, दरों में आगे बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक तनाव में कमी. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध और अब इजराइल-हमास संघर्ष तक जोखिम की कीमत सोने में लगाई जा रही है.

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यूएस फेड का असर
मध्य पूर्व विवाद में नरमी और/या यूएस फेड के सख्त रुख जारी रहने से सोने की कीमत पर असर पड़ सकता है. हालांकि, ये कारण अपेक्षा से अधिक समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं जो सोने की कीमत में 63,000 रूपए प्रति 10 ग्राम के लिए प्रेरित कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक की नीतियों, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, हार्ड और सॉफ्ट लैंडिंग के बीच, जोखिम वाली संपत्तियों में अधिक खरीददारी और डॉलर इंडेक्स और यील्ड में अस्थिरता जैसे कुछ प्रमुख बुनियादी बदलावों के चलते, इस साल सोने और चांदी के भाव में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया है.

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त्योहारी सीजन के मांग ने बढ़ाई कीमत
अब तक अस्थिरता कुछ ज्यादा ही रही है. रिपोर्ट बताती है कि इस साल की शुरुआत में सोना 2,070 डॉलर के लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था और फिर 1,800 डॉलर के करीब निचले स्तर पर आ गया, और अब वापस 2,000 डॉलर पर फिर से पहुंच गया है. त्योहारी सीजन में सर्राफा की मांग बढ़ जाती है, लेकिन हाल ही में मांग के रुझान में तेज बदलाव देखा गया है, जहां बाजार किसी कारण का इंतजार नहीं करता, और निवेशक जहां भी उचित मौका देखते हैं तब निवेश करते हैं.

सोने में तेजी के कई कारण हैं जो बार-बार बदलते रहते हैं. लेकिन एक बात तय है - अगर आपने 2019 की दिवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दिवाली तक आपको 60 फीसदी का रिटर्न मिलता. रिपोर्ट में कहा गया है, 5 और 1 वर्ष की अवधि में एसपीडीआर गोल्ड शेयरों ने क्रमश- 30 फीसदी और 10 फीसदी की बढ़त दर्ज की है, जबकि समान समय में घरेलू गोल्ड ईटीएफ का औसत लाभ क्रमश- 55 फीसदी और 15 फीसदी शत है.

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Last Updated : Nov 7, 2023, 7:54 PM IST
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