मुंबई : गो फर्स्ट एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक जरुरी खबर है. 3 और 4 मई यानी मंगलवार और बुधवार के लिए इस एयरलाइंस ने अपनी सारी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी है. इसका मतलब है कि कल और परसो गो फर्स्ट से किसी तरह की कोई हवाई यात्रा नहीं होगी. दरअसल कंपनी ने तेल कंपनियों के बकाये का भुगतान न कर पाने के चलते ये फैसला लिया है.
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#GoFirst has been faced with critical supply chain issues with regard to its engines. The GoI has been assisting the airline in every possible manner. The issue has also been taken up with the stakeholders involved. Yet, it is unfortunate that this operational bottleneck has… pic.twitter.com/ozuVSENJRA
— ANI (@ANI) May 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) May 2, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक ऑयल तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि Go First कैश एंड कैरी मोड पर ऑपरेटर कर रहा है. जिसका मतलब है कि एयरलाइंस को हर दिन के हिसाब से जितनी उड़ान भरनी है, उसी के हिसाब से हवाई ईंधन का भुगतान किया जा रहा है. आपको बता दें कि एयरलाइंस कंपनी इस बात को मानती है कि पेमेंट नहीं करने पर वेंडर बिजनेस को बंद कर सकते हैं.
यह पहली बार नहीं है, जब वाडिया समूह के स्वामित्व वाली Go First Airlines को वित्तीय सकंट के कारण ऐसा कोई कदम उठाना पड़ा है. उसे अपनी हवाई उड़ान कैंसिल करनी पड़ी है. इससे पहले भी एयरलाइंस को जुलाई 2022 में अपने प्लेन को ग्राउंड करना पड़ा था. इसका असर ये हुआ कि इस Airlines में उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या कम हो गई. जो आज तक बरकरार है.
स्वैच्छिक दिवाला समाधान के लिए आवेदन
इसके साथ ही एयरलाइन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ में स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए भी आवेदन किया है. खोना ने कहा कि एयरलाइन को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से अपने बेड़े के आधे से अधिक यानी 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है. इस वजह से एयरलाइन के समक्ष नकदी का संकट पैदा हो गया है.
उन्होंने कहा कि दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है लेकिन कंपनी के हितों के संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी था. एयरलाइन ने सरकार को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी दे दी है. साथ ही वह नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने जा रही है. खोना ने कहा कि एयरलाइन की उड़ानें तीन और चार मई को निलंबित रहेंगी. उसके बाद उड़ानों का परिचालन फिर शुरू होगा. गो फर्स्ट के कर्मचारियों की संख्या 5,000 से अधिक है.
डीजीसीए ने गो फर्स्ट को नोटिस भेजा
विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने किफायती विमानन सेवा प्रदाता गो फर्स्ट के तीन-चार मई को अपनी उड़ानें निलंबित रखने के फैसले को लेकर उसे नोटिस भेजा है. नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को वित्तीय संकट की वजह से उड़ानों के परिचालन में नाकाम होने का दावा करने वाली गो फर्स्ट को पूर्व-सूचना के बगैर अगले दो दिन तक उड़ानें निरस्त रखने के फैसले पर जवाब देने को कहा है.
निदेशालय ने कहा, 'गो फर्स्ट स्वीकृत कार्यक्रम का पालन करने में नाकाम रही है जिससे यात्रियों को असुविधा होगी. यह उड़ान कार्यक्रम की स्वीकृति के लिए रखी गई शर्त का उल्लंघन है.' इस मामले में एयरलाइन को कारण-बताओ नोटिस भेजने के साथ डीजीसीए ने 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है. इसके साथ ही नियामक ने गो फर्स्ट से यह भी पूछा है कि दो दिन तक उड़ानें निरस्त रखने से यात्रियों को होने वाली असुविधा दूर करने के लिए किस तरह के कदम उठाए गए हैं.
गो फर्स्ट ने इंजन आपूर्ति की समस्या से अपने आधे विमानों के खड़े हो जाने का जिक्र करते हुए कहा है कि वह तीन-चार मई को उड़ानें निलंबित रखेगी. इसके अलावा कंपनी ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए एनसीएलटी के समक्ष अर्जी भी लगा दी है.
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