नई दिल्ली : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ओसाका में जापान के व्यापार मंत्री निशिमुरा यासुतोशी और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री केमी बडेनोच के साथ अलग-अलग बैठकों में व्यापार और निवेश पर द्विपक्षीय वार्ता की. ओसाका में जी 7 व्यापार मंत्रियों की बैठक के दौरान जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री के साथ एक बैठक की. गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान व्यापार और निवेश संबंधों को और अधिक गति देने पर विचार-विमर्श किया. मंत्री ओसाका में ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) के व्यापार मंत्रियों की बैठक के लिए जापान में हैं.
सीईपीए पर हस्ताक्षर के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ गया है और वित्त वर्ष 2022 में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है, हालांकि, 11 वर्षों की अवधि में जापान के साथ भारत का व्यापार घाटा लगभग दोगुना होकर 8.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. जापान से भारत के आयात में 1.6 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि देखी गई, जबकि जापान को भारत के निर्यात में 2012 से 2022 तक 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है. दोनों सरकारें अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 'मेक इन इंडिया' अभियान, पीएलआई योजना और व्यापार के विविधीकरण आदि पर जोर देते हुए भारत सरकार के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार संबंधों की दिशा में काम कर रही हैं. इससे निर्यात में योगदान बढ़ाने में मदद मिलेगी.
गोयल ने एक्स पर यह भी कहा कि उन्होंने यूके के व्यापार मंत्री केमी बडेनोच के साथ भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता की प्रगति पर चर्चा की. जिन मुद्दों पर चर्चा की जा रही है उनमें सामान, सेवाएं, निवेश और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स शामिल हैं. भारत यूके के बाजार में आईटी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों से अपने कुशल पेशेवरों के लिए अधिक पहुंच की मांग कर रहा है, इसके अलावा शून्य सीमा शुल्क पर कई वस्तुओं के लिए बाजार पहुंच की भी मांग कर रहा है.
दूसरी ओर, यूके स्कॉच व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और चॉकलेट जैसी कुछ कन्फेक्शनरी वस्तुओं जैसे सामानों पर सीमा शुल्क में महत्वपूर्ण कटौती चाहता है. ओसाका में डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक के साथ एक अन्य बैठक में गोयल ने विकासशील देशों को वैश्विक व्यापार में उचित सौदा देने का मुद्दा भी उठाया.