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FPI Investment : विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा, मार्च में निवेश किए 7,936 करोड़ रुपये - विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों

फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार पर एक बार फिर लौट आया. मार्च में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया है. गौरतलब है कि अडाणी समूह में किए गए निवेश को निकाल दिया जाए, तो यह नाकारात्मक हो जाएगा.

FPI Investment in march
विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में मार्च में निवेश
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Published : Apr 2, 2023, 2:10 PM IST

नई दिल्ली : लगातार दो माह तक निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने से FPI का निवेश मार्च में सकारात्मक रहा है. जीएलसी वेल्थ एडवाइजर एलएलपी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संचित गर्ग ने कहा कि यदि अडाणी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो मार्च में एफपीआई का शुद्ध निवेश नकारात्मक हो जाएगा. इसका आशय है कि मार्च में भी एफपीआई बिकवाल ही रहे हैं.

एक्सपर्ट की राय : जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का सतत बिकवाली का सिलसिला समाप्त होता दिख रहा है. पिछले कुछ सत्रों से वे लिवाल बन गए हैं. विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई के लिए निकट भविष्य का दृष्टिकोण अब और अधिक सकारात्मक दिखता है. भले ही भारतीय मूल्यांकन अपेक्षाकृत अधिक बना हुआ है, लेकिन हाल के समय में बाजार में जो 'करेक्शन' हुआ है उससे अब मूल्यांकन कुछ ठीक हो गया है. उन्होंने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी की वजह से चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति सुधरी है. ऐसे में एफपीआई आगे संभवत: आक्रामक तरीके से बिकवाली नहीं करेंगे.

भारतीय रुपए में स्थिरती की संभावना : उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 4.4 प्रतिशत था. तीसरी तिमाही में चालू खाते का अधिशेष रहा है. इसलिए आगे चलकर भारतीय रुपये के स्थिर रहने की संभावना है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने मार्च में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,396 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की थी.

विदेशी निवेशकों का बॉन्ड से पैसा निकासी : दिसंबर, 2022 में भी FPI ने शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 2,505 करोड़ रुपये निकाले हैं. जनवरी में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 3,531 करोड़ रुपये और फरवरी में 2,436 करोड़ रुपये डाले थे.

(पीटीआई-भाषा)

पढ़ें : Market Capitalization : नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.34 लाख करोड़ रुपये बढ़ा, जानें डिटेल्स

नई दिल्ली : लगातार दो माह तक निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने से FPI का निवेश मार्च में सकारात्मक रहा है. जीएलसी वेल्थ एडवाइजर एलएलपी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संचित गर्ग ने कहा कि यदि अडाणी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो मार्च में एफपीआई का शुद्ध निवेश नकारात्मक हो जाएगा. इसका आशय है कि मार्च में भी एफपीआई बिकवाल ही रहे हैं.

एक्सपर्ट की राय : जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का सतत बिकवाली का सिलसिला समाप्त होता दिख रहा है. पिछले कुछ सत्रों से वे लिवाल बन गए हैं. विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई के लिए निकट भविष्य का दृष्टिकोण अब और अधिक सकारात्मक दिखता है. भले ही भारतीय मूल्यांकन अपेक्षाकृत अधिक बना हुआ है, लेकिन हाल के समय में बाजार में जो 'करेक्शन' हुआ है उससे अब मूल्यांकन कुछ ठीक हो गया है. उन्होंने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी की वजह से चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति सुधरी है. ऐसे में एफपीआई आगे संभवत: आक्रामक तरीके से बिकवाली नहीं करेंगे.

भारतीय रुपए में स्थिरती की संभावना : उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 4.4 प्रतिशत था. तीसरी तिमाही में चालू खाते का अधिशेष रहा है. इसलिए आगे चलकर भारतीय रुपये के स्थिर रहने की संभावना है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने मार्च में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,396 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की थी.

विदेशी निवेशकों का बॉन्ड से पैसा निकासी : दिसंबर, 2022 में भी FPI ने शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 2,505 करोड़ रुपये निकाले हैं. जनवरी में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 3,531 करोड़ रुपये और फरवरी में 2,436 करोड़ रुपये डाले थे.

(पीटीआई-भाषा)

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