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FPI Investment : इन वजहों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय पूंजी बाजार से निकाल रहे हैं पैसा

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है. इससे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह ( Capital Flow ) भविष्य में नेगेटिव रहने की आशंका है.

FPI Investment
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एफपीआई
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Published : Aug 5, 2023, 2:19 PM IST

नई दिल्ली: लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है. इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नेगेटिव रहने की आशंका है.

FPI ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है.उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो FPI द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि FPI ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है.

FPI Investment
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक

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इसके अलावा FPI की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है. इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे. यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है. इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है. इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नेगेटिव रहने की आशंका है.

FPI ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है.उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो FPI द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि FPI ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है.

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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक

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इसके अलावा FPI की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है. इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे. यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है. इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई.

(आईएएनएस)

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