नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 8,643 करोड़ रुपये का निवेश किया है. विश्लेषकों ने कहा है कि मूल्यांकन उचित स्तर पर होने की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में पैसा लगा रहे हैं. इससे पहले मार्च में Foreign Portfolio Investors (FPI) ने शेयरों में शुद्ध रूप से 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इसमें से ज्यादातर निवेश अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडाणी समूह की कंपनियों में किया था.
अप्रैल में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 8643 करोड़ रुपये डाले हैं : FPI ने चालू वित्त वर्ष की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, तीन अप्रैल से अबतक एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 8,643 करोड़ रुपये डाले हैं.
क्या कहते हैं वित्तीय बाजार के एक्सपर्ट : मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘एफपीआई प्रवाह की दृष्टि से भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में स्थिति अनुकूल है.’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय शेयरों का मूल्यांकन अब उचित स्तर पर आ गया है, जिसकी वजह से एफपीआई लिवाली कर रहे हैं.
शेयरों के अलावा बॉन्ड बाजार में भी हुआ निवेश : समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 778 करोड़ रुपये डाले हैं. विभिन्न क्षेत्रों की बात करें, तो एफपीआई ने 15 अप्रैल को समाप्त पखवाड़े में सबसे ज्यादा 4,410 करोड़ रुपये के वित्तीय शेयर खरीदे हैं. इसके अलावा उन्होंने वाहन और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में भी अच्छी लिवाली की है.
एफपीआई ने इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय शेयर बाजारों से 37,631 करोड़ रुपये निकाले थे. वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से दरें बढ़ाने के बीच एफपीआई बिकवाल रहे थे. 2021-22 में एफपीआई ने भारतीय बाजार से 1.4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड निकासी की थी.
(पीटीआई- भाषा)
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