नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने शुक्रवार को संकटों और सामाजिक आर्थिक परिवर्तनों के प्रबंधन में व्यस्त उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) की जलवायु सुरक्षा और विकास के बीच की दुविधा को रेखांकित किया. जापान के निगाता में कल्याण के लिए आर्थिक नीतियों पर आयोजित G7 की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी गरीबों के लिए बाजार और बुनियादी सेवाओं तक पहुंच में सुधार करती है.
वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी तक पहुंच ने लोगों को सशक्त बनाया है और Gross Domestic Product (GDP) संकेतकों से परे जाकर सशक्तीकरण को मापने के तरीकों पर चर्चा करने की आवश्यकता है. वित्त मंत्री ने सतत विकास और पर्यावरण के महत्व पर बात की. उन्होंने इसके छोटे समयावधि और लंबे समयावधि को संतुलित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
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उन्होंने टिकाऊ और समावेशी विकास की नींव के रूप में और ईएमडीई द्वारा इनोवेटिव पॉलिसी टूलकिट के उदाहरण के रूप में टेक्नोलॉजी, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और हरित हाइड्रोजन पर भारत के फोकस को साझा किया.
वित्त मंत्री गुरुवार से दो दिनों के जापान दौरे पर है. वह G-7 की बैठक में शामिल होने के लिए वहां गई हैं. निर्मला सीतारमण ने 'वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों’ के साथ शुक्रवार को बैठक की. कौशल कार्यक्रमों की उभरती भूमिका, एमडीबी को मजबूत करने और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) समेत कई मुद्दों पर चर्चाएं हुईं. बता दें कि G7 दुनिया के सात औद्योगिक देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का मंच है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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