हैदराबाद: आपको इनकम और खर्च इन दोनों के बीच बैलेंस बनाना चाहिए. अपनी आज की जरूरतों को पूरा करते हुए भविष्य के खर्चों का भी आकलन करना चाहिए. यह वह सिद्धांत है जो किसी भी बजट के लिए जरुरी है. फिर चाहे आप एक देश का या अपने परिवार का बजट बना रहे हों. बजट बनाते समय हिसाब-किताब पर एक नजर डालें और यह देखें कि आपको अपने बजट के लिए क्या करना है. घर का बजट बनाने में सबसे पहले, घर में आय के स्रोत कितने हैं और कुल कितना इनकम आएगा, ये सोचें, वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें.
सभी लक्ष्यों को बजट बुक में लिख लें. थोड़े समय और लंबे समय के लक्ष्यों को अलग-अलग लिखें. जैसे घरेलू सामान खरीदना एक अल्पकालिक आवश्यकता है. मकान और कार खरीदना मध्यम अवधि के लक्ष्य हैं. रिटायरमेंट लंबे समय में पूरा होना वाला लक्ष्य है. एक बार जब आप इन चीजों की प्लानिंग कर लेते हैं, तो बजट बनाना आसान हो जाता है.
फैमिली बजट
आपका घरेलू बजट आपको यह जानने में मदद करता है कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का कितनी बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं. बहुत से लोग सोचते हैं कि हर महीने एक निश्चित राशि बचाना ही काफी है. वे इसे एक अच्छी पर्याप्त वित्तीय योजना मानते हैं. लेकिन यह काफी नहीं है. आप कितनी बचत कर रहे हैं, इसके अलावा आपको पता होना चाहिए कि अपने वित्तीय लक्ष्य को हकीकत में बदलने के लिए आपको कितना निवेश करने की जरूरत है. इस राशि का निवेश करने के लिए आपको सावधानीपूर्वक योजना बनानी चाहिए.
इमर्जेंसी फंड
आप कभी नहीं जानते कि कब कोई समस्या आ जाए. इसलिए, सभी के पास एक इमर्जेंसी फंड होनी चाहिए. इसे अपने परिवार के बजट में सबसे ज्यादा तवज्जो दें. ध्यान रखें कि कि आपके पास हमेशा कम से कम 6 महीने के खर्चों और किश्तों के लिए पर्याप्त पैसा उपलब्ध हो. इसका उपयोग केवल अप्रत्याशित परिस्थितियों जैसे बेरोजगार, दुर्घटना आदि में खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाना चाहिए.'
इनकम को खर्चो के हिसाब से बांटे
अपना लक्ष्य निर्धारित करने के बाद अगली बात यह है कि आपको मिलने वाले हर पैसे को गिनना है. आपके पास कितना इनकम आ रहा है और आप कहां कितना खर्च कर रहे हैं. इसका सटीक हिसाब होना चाहिए. जैसे आपके सभी सोर्स ऑफ इनकम मसलन सभी आय, जैसे सैलरी, अन्य इनकम और इनवेस्टमेंट पर मिलने वाला इंटरेस्ट को जोड़ें. वार्षिक आय और मासिक व्यय का अनुमान लगाएं. हर तीन, छह महीने या साल में एक बार आपके ऊपर कोई बड़ा खर्चा हो सकता है. आपके पास पर्याप्त आवंटन होना चाहिए.
खर्च पर कंट्रोल करें
परिवार के सदस्य कितना खर्च कर रहे हैं इसका हिसाब होना चाहिए. हर दो महीने में इनकी जांच भी की जानी चाहिए. वहीं, जिनकी आय निश्चित नहीं है उन्हें इनकम और खर्च के दो अलग-अलग खाते रखने चाहिए. सारी आमदनी एक जगह जमा करनी चाहिए और फिर कुछ रकम खर्च खाते में डाल देनी चाहिए. आय और व्यय का रिकॉर्ड हमारे वित्तीय भविष्य के लिए एक मार्गदर्शक की तरह होना चाहिए. अगर कोई चूक होती है, तो वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल हो सकता है.
विलासिता और आवश्यताएं
बजट बनाते समय जरूरी सामान और मौज- मस्ती (विलासिता) वाले सामान को अलग रखें. जरूरी सामान को फर्स्ट प्रायोरटी दें. उसे खरीदने में कितना खर्च आएगा. उसके बाद बची हुई रकम से विलासिता वाली सामान खरीदें. इस तरह आपका बजट आपके वित्तिय लक्ष्य की पटरी से उतरेगा नहीं.
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