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Saving Tips: कम जोखिम के साथ देता है बेहतर रिटर्न, जानें Equally Weighted Index Funds के फायदे - लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए ऑप्शन

किसी एक सेक्टर या कुछ ही फंडों में सारे पैसे निवेश करने से जोखिम का खतरा बना रहता है. लेकिन Equally Weighted Index Funds में निवेश करने से इंवेस्टमेंट में एक बैलेंस बना रहता है. अच्छे रिटर्न के साथ लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए यह एक बेहतर आप्शन है. इसके बारे में और अधिक जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Equally Weighted Index Funds
इक्वल वेट इंडेक्स फंड निफ्टी
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Published : Jun 9, 2023, 4:24 PM IST

हैदराबाद : निफ्टी 50 इंडेक्स के माध्यम से कमाई करने वाले लोगों की कमी नहीं है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी है. वहीं, इक्वल वेट इंडेक्स फंड कम जोखिम के साथ कमाई का अच्छा मौका देता है. यह लॉन्ग टर्म के इंवेस्टमेंट के लिए एक बेहतर ऑप्शन है. तो आइए जानते हैं कि Equally Weighted Index Funds निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर कैसे हैं और इसमें निवेश करने के क्या फायदे हैं....

निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में मिलता है बेहतर रिटर्न
इक्वल वेट इंडेक्स फंड निफ्टी 50 इंडेक्स फंड से अलग है. जहां निफ्टी 50 इंडेक्स फंड निवेश का पारंपरिक तरीका है, जिसमें मार्केट कैपटलाइजेशन पर जोर दिया जाता है तो वहीं, equal weight index investment निवेश का नया तरीका है. इसमें सभी कंपनियों के स्टॉक की वैल्यू लगभग समान होती है. 1999 से लेकर 2022 के आकड़ों को देखते तो पता चलता है कि इक्वल वेट इंडेक्स फंड में निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में सालाना 2 फीसदी से अधिक का रिटर्न मिलता है.

इक्वल वेट इंडेक्स फंड की शुरुआत कब हुई
इक्वल वेट इंडेक्स फंड में निवेश का तरीका सबसे पहले साल 2000 में अमेरिका में S&P 500 Equal Weight Index के साथ शुरू किया गया था. इसके बाद इंवेस्टमेंट का यह तरीका पूरी दुनिया के द्वारा अपनाया गया. वहीं, बात करें भारत की तो, साल 2017 में निफ्टी 50 इंडेक्स के साथ इसकी शुरुआत हुई. पिछले कुछ सालों से S&P 500 Equal Weight Index के साथ दूसरे इक्वल वेट इंडेक्स फंड लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के मामले में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Equally Weighted Index Funds
इक्वल वेट इंडेक्स फंड निफ्टी में निवेश के फायदे

कब बढ़ती है इसकी मांग
Equal Weight Index Fund स्टॉक मार्केट में 'डिपोलराइजेशन' (depolarization) के समय बेहतर रिटर्न देते हैं. क्योंकि उस समय शेयरों की कीमत बढ़ जाती हैं. जिसके चलते इक्वल वेट इंडेक्स फंड निवेशकों के लिए निवेश का आकर्षण केंद्र होता है. साल 2009 में आई सबसे बड़ी आर्थिक मंदी के बाद कोविड-19 के चलते 2020 में शेयर बाजार में इसकी मांग देखी गई.

अगर आप अपने निवेश के मूल्य में विविधता लाना चाहते हैं, तो दो बुनियादी निवेश सिद्धांतों का पालन करना होगा. वे हैं- प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निवेश करना और विभिन्न क्षेत्रों से विविध कंपनियों को चुनना. यह दृष्टिकोण मार्केट कैप इंडेक्स आधारित निवेश दृष्टिकोण से बेहतर है. वहीं, निवेश लागत भी कम है.

इक्वल वेट इंडेक्स फंड के फायदे

  1. इसमें स्टॉक का ऑप्शन ज्यादा है, जिसकी वजह से निवेशकों को स्टॉक चुनने की वैरायटी मिलती हैं.
  2. इसमें व्यक्तिगत स्टॉक और समग्र क्षेत्र स्तर पर निवेश में जोखिम काफी कम हो जाता है.
  3. निफ्टी 50 के अनुरूप हर 6 महीने में इंडेक्स को स्वचालित रूप से फिर से गठित किया जाता है, जिससे शीर्ष मूवर्स के प्राकृतिक चयन की अनुमति मिलती है. 5.50 लार्ज कैप कंपनियों में बराबर अलोकेशन की वजह से सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन के ऊपर पर भरोसा करने के बजाय व्यापक आधार के ग्रोथ के अवसरों का लाभ मिल सकता है.

शेयर बाजार की स्थितियों के आधार पर इक्वल वेट इंडेक्स फंड अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग प्रदर्शन कर सकते हैं. एक निवेशक के पोर्टफोलियो में Equal Weight Index Fund को शामिल करने से लाभ अधिकतम होता है. ये फंड संस्थागत निवेशकों, विशेष रूप से कॉर्पोरेट कोषागारों और पीएफ ट्रस्टों को छूट देने के लिए बहुत जरूरी हैं. 'सूचकांक निवेश' एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है.

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निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में मिलता है बेहतर रिटर्न
इक्वल वेट इंडेक्स फंड निफ्टी 50 इंडेक्स फंड से अलग है. जहां निफ्टी 50 इंडेक्स फंड निवेश का पारंपरिक तरीका है, जिसमें मार्केट कैपटलाइजेशन पर जोर दिया जाता है तो वहीं, equal weight index investment निवेश का नया तरीका है. इसमें सभी कंपनियों के स्टॉक की वैल्यू लगभग समान होती है. 1999 से लेकर 2022 के आकड़ों को देखते तो पता चलता है कि इक्वल वेट इंडेक्स फंड में निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में सालाना 2 फीसदी से अधिक का रिटर्न मिलता है.

इक्वल वेट इंडेक्स फंड की शुरुआत कब हुई
इक्वल वेट इंडेक्स फंड में निवेश का तरीका सबसे पहले साल 2000 में अमेरिका में S&P 500 Equal Weight Index के साथ शुरू किया गया था. इसके बाद इंवेस्टमेंट का यह तरीका पूरी दुनिया के द्वारा अपनाया गया. वहीं, बात करें भारत की तो, साल 2017 में निफ्टी 50 इंडेक्स के साथ इसकी शुरुआत हुई. पिछले कुछ सालों से S&P 500 Equal Weight Index के साथ दूसरे इक्वल वेट इंडेक्स फंड लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के मामले में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Equally Weighted Index Funds
इक्वल वेट इंडेक्स फंड निफ्टी में निवेश के फायदे

कब बढ़ती है इसकी मांग
Equal Weight Index Fund स्टॉक मार्केट में 'डिपोलराइजेशन' (depolarization) के समय बेहतर रिटर्न देते हैं. क्योंकि उस समय शेयरों की कीमत बढ़ जाती हैं. जिसके चलते इक्वल वेट इंडेक्स फंड निवेशकों के लिए निवेश का आकर्षण केंद्र होता है. साल 2009 में आई सबसे बड़ी आर्थिक मंदी के बाद कोविड-19 के चलते 2020 में शेयर बाजार में इसकी मांग देखी गई.

अगर आप अपने निवेश के मूल्य में विविधता लाना चाहते हैं, तो दो बुनियादी निवेश सिद्धांतों का पालन करना होगा. वे हैं- प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निवेश करना और विभिन्न क्षेत्रों से विविध कंपनियों को चुनना. यह दृष्टिकोण मार्केट कैप इंडेक्स आधारित निवेश दृष्टिकोण से बेहतर है. वहीं, निवेश लागत भी कम है.

इक्वल वेट इंडेक्स फंड के फायदे

  1. इसमें स्टॉक का ऑप्शन ज्यादा है, जिसकी वजह से निवेशकों को स्टॉक चुनने की वैरायटी मिलती हैं.
  2. इसमें व्यक्तिगत स्टॉक और समग्र क्षेत्र स्तर पर निवेश में जोखिम काफी कम हो जाता है.
  3. निफ्टी 50 के अनुरूप हर 6 महीने में इंडेक्स को स्वचालित रूप से फिर से गठित किया जाता है, जिससे शीर्ष मूवर्स के प्राकृतिक चयन की अनुमति मिलती है. 5.50 लार्ज कैप कंपनियों में बराबर अलोकेशन की वजह से सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन के ऊपर पर भरोसा करने के बजाय व्यापक आधार के ग्रोथ के अवसरों का लाभ मिल सकता है.

शेयर बाजार की स्थितियों के आधार पर इक्वल वेट इंडेक्स फंड अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग प्रदर्शन कर सकते हैं. एक निवेशक के पोर्टफोलियो में Equal Weight Index Fund को शामिल करने से लाभ अधिकतम होता है. ये फंड संस्थागत निवेशकों, विशेष रूप से कॉर्पोरेट कोषागारों और पीएफ ट्रस्टों को छूट देने के लिए बहुत जरूरी हैं. 'सूचकांक निवेश' एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है.

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