नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2025 तक नई बस बिक्री में इलेक्ट्रिक बसों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को यह बात कही. इक्रा के अनुसार, कई राज्य इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीतियों में ई-बस अपनाने के लिए विशिष्ट लक्ष्य तथा समयसीमा की घोषणा की है. विद्युतीकरण के लिए एक खाका तैयार किया गया है. एजेंसी ने कहा कि पारंपरिक डीजल बसों की तुलना में महत्वपूर्ण परिचालन बचत के साथ उसे उम्मीद है कि ई-बसों की मांग में वृद्धि जारी रहेगी.
इलेक्ट्रिक बसें भारत के विद्युतीकरण अभियान में सबसे आगे रहेंगी
रिपोर्ट में कहा गया कि इक्रा को उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक बसें भारत के विद्युतीकरण अभियान में सबसे आगे रहेंगी…इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 तक नई बस बिक्री में ई-बसों की हिस्सेदारी 11-13 प्रतिशत होगी. रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सब्सिडी और विकसित हो रही प्रौद्योगिकियां ई-बसों में शामिल पूंजीगत लागत को और कम करने में भूमिका निभा सकती है. सरकार ने भी हाल ही में पीएम ई-बस सेवा योजना की भी घोषणा की है. योजना के तहत लक्ष्य सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत 169 शहरों में 10,000 ई-बसें उपलब्ध कराना है.
FAME योजना पर हो रहा तेजी से काम
आईसीआरए ने कहा कि ई-बस सेगमेंट में आकर्षण पिछले कुछ वर्षों में पहले से ही दिखाई दे रहा है, वित्त वर्ष 2023 में ई-बस की मात्रा के साथ-साथ प्रवेश स्तर में लगातार 7 प्रतिशत का सुधार हुआ है. फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना के तहत ई-बस तैनाती लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में लगातार प्रगति हुई है, और मार्च 2024 में योजना समाप्त होने तक आने वाले महीनों में इसमें तेजी आने की संभावना है.