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शेयर बाजार में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की सूचीबद्धता पर मसौदा दिशानिर्देश जारी

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी शेयर बाजार (stock exchange) में सूचीबद्ध होकर वित्तीय संसाधन जुटा सकेंगे. इसके लिए सरकार ने मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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Published : Oct 2, 2022, 4:58 PM IST

नई दिल्ली : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए सरकार ने मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिन पर खरा उतरने वाले इस श्रेणी के बैंक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होकर वित्तीय संसाधन जुटा सकेंगे.

इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Bank) के पास बीते तीन वर्ष के दौरान कम-से-कम 300 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए तथा इस दौरान उनकी पूंजी पर्याप्तता भी नौ फीसदी के न्यूनतम नियामक स्तर से अधिक होनी चाहिए.

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी मसौदा दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की मंशा रखने वाले आरआरबी का लाभ अर्जित करने का रिकॉर्ड होना चाहिए. यह भी जरूरी है कि बीते पांच साल में से कम-से-कम तीन साल उन्हें न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमाया हो.

मसौदा नियमों के अनुसार, अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए उपयुक्त बैंक की पहचान करने की जिम्मेदारी इन ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों पर छोड़ दी गई है. आईपीओ के लिए उपयुक्त आरआरबी का चयन करते समय प्रायोजक बैंक को पूंजी जुटाने और खुलासा आवश्यकताओं संबंधी सेबी और आरबीआई के नियमों को भी ध्यान में रखना चाहिए.

गौरतलब है कि कृषि कर्ज में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही प्रायोजित करते हैं. मौजूदा समय में 43 आरआरबी हैं जिनके प्रायोजक सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं.

पढ़ें- विदेशी निवेशकों ने सितंबर में भारतीय बाजारों से कमाए 7,600 करोड़ रुपये

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए सरकार ने मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिन पर खरा उतरने वाले इस श्रेणी के बैंक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होकर वित्तीय संसाधन जुटा सकेंगे.

इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Bank) के पास बीते तीन वर्ष के दौरान कम-से-कम 300 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए तथा इस दौरान उनकी पूंजी पर्याप्तता भी नौ फीसदी के न्यूनतम नियामक स्तर से अधिक होनी चाहिए.

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी मसौदा दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की मंशा रखने वाले आरआरबी का लाभ अर्जित करने का रिकॉर्ड होना चाहिए. यह भी जरूरी है कि बीते पांच साल में से कम-से-कम तीन साल उन्हें न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमाया हो.

मसौदा नियमों के अनुसार, अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए उपयुक्त बैंक की पहचान करने की जिम्मेदारी इन ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों पर छोड़ दी गई है. आईपीओ के लिए उपयुक्त आरआरबी का चयन करते समय प्रायोजक बैंक को पूंजी जुटाने और खुलासा आवश्यकताओं संबंधी सेबी और आरबीआई के नियमों को भी ध्यान में रखना चाहिए.

गौरतलब है कि कृषि कर्ज में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही प्रायोजित करते हैं. मौजूदा समय में 43 आरआरबी हैं जिनके प्रायोजक सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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