नई दिल्ली : उद्योग सूत्रों के मुताबिक, घरेलू चीनी की कीमतें पिछले 15 दिनों में 3 फीसदी बढ़कर छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. जहां एक तरफ गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण कीमतें बढ़ी हैं. वहीं, दूसरी तरफ त्योहारी सीजन करीब है, जब मिठाइयों की खपत कई गुना बढ़ जाती है.
इससे खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और सरकार चीनी निर्यात की अनुमति देने से हतोत्साहित हो सकती है, जिससे वैश्विक कीमतों को समर्थन मिलेगा जो एक दशक से भी अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर के करीब हैं. मंगलवार को चीनी की कीमतें बढ़कर 37,760 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गईं, जो अक्टूबर 2017 के बाद सबसे अधिक है. आगामी त्योहारी सीजन के दौरान चीनी की मजबूत मांग को ध्यान में रखते हुए, सरकार द्वारा अगस्त के लिए 2 लाख मीट्रिक टन (महीने के लिए आवंटित 23.5 एलएमटी से अधिक) का अतिरिक्त कोटा आवंटित किया गया था.
चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में उछाल
एक तरफ चीनी की कीमतें बढ़ रही है तो वहीं, दूसरी तरफ 6 अगस्त, बुधवार को चीनी के स्टॉक्स में मिठास घुलने लगी. अवध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड के शेयर में आज 12 फीसदी वृद्धि देखी गई. इसके शेयर 70.45 रुपये से बढ़कर 683.25 रुपये पर बंद हुआ. वहीं, धामपुर शुगर्स के शेयर में 7 फीसदी या 18.95 रुपये से बढ़कर 287.20 रुपये पर बंद हुआ. डालमिया भारत शुगर्स 6.99 फीसदी के साथ 433.35 रुपये, बलरामपुर चीनी 2.54 फीसदी के उछाल के साथ 414.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.
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(आईएनएस के साथ एकस्ट्रा इनपुट)