नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जेट एयरवेज के हवाई परिचालन सर्टिफिकेट को रिन्यू कर दिया है. इस दिवालिया एयरवेज एयरलाइन की सफल बोली लगाने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ ने प्रेस रिलीज के माध्यम से यह जानकारी दी है. दरअसल नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल, 2019 से उड़ान बंद कर दी थी. ऐसे में काफी लंबे समय बाद एयरलाइन एक बार फिर उड़ान भरेगी.
Jalan Kalrock Consortium (JKC) ने प्रेस रिलीज में कहा कि कंसोर्टियम ने 28 जुलाई, 2023 को डीजीसीए से जेट एयरवेज के एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट (एओसी) के लिए सफलतापूर्वक रिन्यू हासिल कर लिया है, जिससे 'भारत की सबसे प्रशंसित एयरलाइन' को पुनर्जीवित करने की अपनी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है. जालान और कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) जेट एयरवेज के पुनरुद्धार के लिए पूरी तरह से समर्पित है और एयरलाइन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक रणनीति लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. जेकेसी ने कहा कि वह आने वाले हफ्तों में जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों, उद्योग भागीदारों और हितधारकों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा.
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क्या है पूरा मामला
जेट एयरवेज के एओसी को पिछले साल 20 मई को एक साल की अवधि के लिए दोबारा वैध कर दिया गया था. हालांकि, एक समय भारत की प्रमुख एयरलाइन रही जेट एयरवेज के पुनरुद्धार पर अनिश्चितता बनी हुई थी, क्योंकि एयरलाइन के एयर ऑपरेटर के प्रमाणपत्र की वैधता मई में समाप्त हो गई थी. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय, एयरलाइन के उड़ान परमिट की स्थिति पर कंसोर्टियम की ओर से कोई बयान नहीं आया था.
जेट एयरवेज 2019 से था बंद
जेट ने 25 साल तक उड़ान भरने के बाद, घाटे, कर्ज और बकाया के बोझ तले दबकर अप्रैल 2019 में परिचालन बंद कर दिया था. इसे जून 2019 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल द्वारा दिवाला कार्यवाही के लिए स्वीकार किया गया था. दो साल की लंबी दिवाला प्रक्रिया के बाद, दिवालियापन अदालत ने जून 2021 में जालान-कलरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को मंजूरी दे दी. हालांकि, भारतीय विमानन निगरानी संस्था से मंजूरी ऐसे समय में आई है जब जालान कलरॉक का जेट एयरवेज के बैंकों के साथ गतिरोध अदालत में जारी था.
दिवालिया जेट एयरवेज की बोली JKC ने जीती थी
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के समक्ष, बैंकों ने कहा कि कंसोर्टियम ने लेनदारों को चुकाने के लिए कोई पैसा नहीं दिया है, जबकि JKC ने कहा कि उधारदाताओं ने स्वामित्व के हस्तांतरण को विफल कर दिया है और जेट में परिचालन शुरू करने के उसके हर प्रयास को चुनौती दी है. इस मामले में 7 अगस्त को एनसीएलएटी में फाइनल हेयरिंग होगी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जनवरी में जेट एयरवेज के स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी थी, जिसने 2021 में बंद पड़े वाहक को पुनर्जीवित करने के लिए बोली जीती थी.
शेयर में लगा 5 फीसदी अपरसर्किट
डीजीसीए द्वारा JET Airways के हवाई परिचालन सर्टिफिकेट को रिन्यू करने की खबर के साथ ही जेट एयरवेज के शेयर उड़ान भरने लगे. इसके शेयर में 5 फीसदी का अपर सर्किट लग गया. BSE सेंसेक्स पर जेट एयरवेज शेयर 2.40 रुपये से बढ़कर 51.30 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. कंपनी का मार्केट कैप 582.75 करोड़ रुपये है. भारतीय इतिहास में पहली बार किसी एयरलाइन को इतने लंबे समय तक बंद रहने के बाद उसके नाम से पुनर्जीवित किया जा रहा है.