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Dabur India : डाबर को लेकर आई बड़ी खबर, कंपनी पर अमेरिका, कनाडा में केस, शेयरों पर दिखेगा असर - डाबर में कैमिकल्स

डाबर (Dabur) ने जानकारी दी है कि कंपनी के ऊपर अमेरिका और कनाडा में केस चल रहे है. कंपनी के ऊपर आरोप लगाया गया है कि उनके प्रोडक्ट में कुछ ऐसे कैमिकल्स शामिल है जिससे सेहत पर गंभीर असर देखने को मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर... (US consumers, Dabur India, chemicals, ovarian cancer, uterine cancer, health issues, Namaste Laboratories LLC, Namaste Laboratories LLC (Namaste), Dermoviva Skin Essentials Inc. (Dermoviva) and Dabur International Ltd.)

Dabur India
डाबर को लेकर आई बड़ी खबर
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By IANS

Published : Oct 19, 2023, 1:34 PM IST

नई दिल्ली: डाबर को लेकर अमेरिका और कनाडा से बड़ी खबर मिली है. कंपनी ने जानकारी दी है कि उसके तीन सब्सिडियरी के खिलाफ अमेरिका और कनाडा में मामले चल रहे है. कंपनी ने बताया है कि कुछ ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि उनके प्रोडक्ट में कुछ ऐसे कैमिकल्स शामिल है जिससे उनके सेहत पर गंभीर असर देखने को मिल रहा है. बता दें की इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई है.

हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट कंपनी के कुछ अमेरिकी ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि डाबर इंडिया की सहायक कंपनियां हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट बेचती और बनाती हैं. उनमें कुछ कैमिकल्स होते हैं और इसके उपयोग से ओवरी कैंसर, यूट्रस कैंसर और भी कई तरह के स्वास्थ समस्यां हो रही है. डाबर ने नमस्ते लैबोरेटरीज एलएलसी (नमस्ते), डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स इंक (डरमोविवा) और डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड (डीआईएनटीएल) के खिलाफ अमेरिका में पेंडिंग केस की जानकारी दी है. ये सभी डाबर इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियां हैं.

एमडीएल में लगभग 5400 केस दर्ज
डाबर ने बताया कि अमेरिका और कनाडा के फ्रेडरल और राज्य दोनों अदालतों में केस दायर किया गया है. वहीं, इलिनोइस के उत्तरी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय के समक्ष फ्रेडरल मामलों को मल्टी डिस्ट्रिक्ट लिटिगेशन के रूप में समेकित किया गया था, जिसे एमडीएल भी कहा जाता है. एमडीएल में लगभग 5400 मामले हैं जिनमें नमस्ते, डर्मोविवा और डीआईएनटीएल के साथ-साथ कुछ अन्य कंपनी के निवेशकों को डिफेंडेट के रूप में नामित किया गया है.

वहीं, नमस्ते, डर्मोविवा और डीआईएनटीएल दायित्व से इनकार करते हैं. इन मुकदमों में उनका बचाव करने के लिए वकील को रखा है क्योंकि ये आरोप साबित नहीं हुए और अधूरे अध्ययन पर आधारित हैं. फिलहाल मामले की खोज पहली चरण में हैं. डाबर ने कह कि केस के पहले चरण में, निपटान या फैसले के परिणाम के कारण किसी भी फाइनेंशियल फंसाव का निर्धारण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, आने वाले समय में केस के लिए बचाव लागत भौतिकता सीमा का उल्लंघन करने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली: डाबर को लेकर अमेरिका और कनाडा से बड़ी खबर मिली है. कंपनी ने जानकारी दी है कि उसके तीन सब्सिडियरी के खिलाफ अमेरिका और कनाडा में मामले चल रहे है. कंपनी ने बताया है कि कुछ ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि उनके प्रोडक्ट में कुछ ऐसे कैमिकल्स शामिल है जिससे उनके सेहत पर गंभीर असर देखने को मिल रहा है. बता दें की इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई है.

हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट कंपनी के कुछ अमेरिकी ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि डाबर इंडिया की सहायक कंपनियां हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट बेचती और बनाती हैं. उनमें कुछ कैमिकल्स होते हैं और इसके उपयोग से ओवरी कैंसर, यूट्रस कैंसर और भी कई तरह के स्वास्थ समस्यां हो रही है. डाबर ने नमस्ते लैबोरेटरीज एलएलसी (नमस्ते), डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स इंक (डरमोविवा) और डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड (डीआईएनटीएल) के खिलाफ अमेरिका में पेंडिंग केस की जानकारी दी है. ये सभी डाबर इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियां हैं.

एमडीएल में लगभग 5400 केस दर्ज
डाबर ने बताया कि अमेरिका और कनाडा के फ्रेडरल और राज्य दोनों अदालतों में केस दायर किया गया है. वहीं, इलिनोइस के उत्तरी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय के समक्ष फ्रेडरल मामलों को मल्टी डिस्ट्रिक्ट लिटिगेशन के रूप में समेकित किया गया था, जिसे एमडीएल भी कहा जाता है. एमडीएल में लगभग 5400 मामले हैं जिनमें नमस्ते, डर्मोविवा और डीआईएनटीएल के साथ-साथ कुछ अन्य कंपनी के निवेशकों को डिफेंडेट के रूप में नामित किया गया है.

वहीं, नमस्ते, डर्मोविवा और डीआईएनटीएल दायित्व से इनकार करते हैं. इन मुकदमों में उनका बचाव करने के लिए वकील को रखा है क्योंकि ये आरोप साबित नहीं हुए और अधूरे अध्ययन पर आधारित हैं. फिलहाल मामले की खोज पहली चरण में हैं. डाबर ने कह कि केस के पहले चरण में, निपटान या फैसले के परिणाम के कारण किसी भी फाइनेंशियल फंसाव का निर्धारण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, आने वाले समय में केस के लिए बचाव लागत भौतिकता सीमा का उल्लंघन करने की उम्मीद है.

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