नई दिल्ली : सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को नया रूप देने के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) ने 1 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की सर्वोच्च दर से लेकर 0.37 प्रतिशत प्रति वर्ष तक कमी के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 में, 1 अप्रैल, 2023 से सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की. इसमें अतिरिक्त कोलेटरल- मुक्त गारंटीकृत क्रेडिट को सक्षम करने के लिए कॉर्पस में 9 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया.
क्रेडिट गारंटी की सीमा को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए
अधिकारियों ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के कोष में 30 मार्च, 2023 को 8,000 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है. CGTMSE ने अधिकतम से 1 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क में कमी के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं. 2 फीसदी प्रति वर्ष की दर से कम से कम 0.37 प्रतिशत प्रति वर्ष. इससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लोन की समग्र लागत काफी हद तक कम हो जाएगी.
क्रेडिट गारंटी की सीमा बढ़ी
इसके अलावा, गारंटी के लिए लिमिट की सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 10 लाख रुपये तक के बकाया लोन की गारंटी के संबंध में दावों के निपटान के लिए अब कानूनी कार्यवाही शुरू करने की आवश्यकता नहीं होगी. अधिकारियों ने कहा कि CGTMSE ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान एक लाख करोड़ रुपये की गारंटी को मंजूरी देने के मील के पत्थर के आंकड़े को छूकर एक नया मील का पत्थर बनाया है.
(आईएएनएस)
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