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चीन में कोविड की स्थिति, वैश्विक रुझान इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे: विश्लेषक

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति प्रतिभागियों को व्यस्त रखेगी. इसके अलावा कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से अस्थिरता बढ़ेगी.

Covid situation in China
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Dec 25, 2022, 1:56 PM IST

नई दिल्ली: विश्लेषकों के मुताबिक वैश्विक रुझान और चीन में कोविड महामारी की स्थिति इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल तय करेंगे. इसके अलावा गुरुवार को वायदा सौदों के पूरा होने के बीच अस्थिरता बनी रह सकती है. विश्लेषकों के अनुसार चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पिछले सप्ताह निवेशकों की धारणा कमजोर रही. इसके अलावा, अमेरिका के मजबूत वृद्धि आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व के अपने आक्रामक रुख को जारी रखने की गुंजाइश दी.

पढ़ें: वीडियोकॉन लोन केस: CBI को मिली चंदा और दीपक कोचर की कस्टडी, 26 दिसंबर तक रहेंगे हिरासत में

इस वजह से भी बाजार में कमजोरी आई. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1,492.52 अंक या 2.43 प्रतिशत टूटा, जबकि निफ्टी में 462.20 अंक या 2.52 प्रतिशत की गिरावट हुई. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति प्रतिभागियों को व्यस्त रखेगी. इसके अलावा कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से अस्थिरता बढ़ेगी.

पढ़ें: डायवर्सिफाइड, हाईब्रिड इन्वेस्टमेंट के साथ अपनी बेटी का भविष्य करें सुरक्षित

अगले सप्ताह रुपये की चाल, ब्रेंट क्रूड तेल और विदेशी निवेशकों के रुख पर भी निवेशकों की नजर रहेगी. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि चीन में कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी और मंदी की आशंका से वैश्विक इक्विटी बाजार प्रभावित होंगे. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने का अनुमान है, क्योंकि निवेशक चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं.

पढ़ें: आईएमएफ का चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान

नई दिल्ली: विश्लेषकों के मुताबिक वैश्विक रुझान और चीन में कोविड महामारी की स्थिति इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल तय करेंगे. इसके अलावा गुरुवार को वायदा सौदों के पूरा होने के बीच अस्थिरता बनी रह सकती है. विश्लेषकों के अनुसार चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पिछले सप्ताह निवेशकों की धारणा कमजोर रही. इसके अलावा, अमेरिका के मजबूत वृद्धि आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व के अपने आक्रामक रुख को जारी रखने की गुंजाइश दी.

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इस वजह से भी बाजार में कमजोरी आई. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1,492.52 अंक या 2.43 प्रतिशत टूटा, जबकि निफ्टी में 462.20 अंक या 2.52 प्रतिशत की गिरावट हुई. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति प्रतिभागियों को व्यस्त रखेगी. इसके अलावा कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से अस्थिरता बढ़ेगी.

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अगले सप्ताह रुपये की चाल, ब्रेंट क्रूड तेल और विदेशी निवेशकों के रुख पर भी निवेशकों की नजर रहेगी. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि चीन में कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी और मंदी की आशंका से वैश्विक इक्विटी बाजार प्रभावित होंगे. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने का अनुमान है, क्योंकि निवेशक चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं.

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