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सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को सुनाई चार माह की सजा और लगाया ₹2000 जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोपी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना के मामले में चार महीने की जेल और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

Vijay Mallya
विजय माल्या (फाइल फोटो)
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Published : Jul 11, 2022, 6:40 AM IST

Updated : Jul 11, 2022, 11:47 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के आरोपी एवं भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के मामले में सोमवार को चार महीने की सजा सुनाई. कोर्ट ने माल्या पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा होगी.

  • Supreme Court awards 4-month jail sentence and imposes Rs 2000 fine on fugitive businessman Vijay Mallya who was found guilty of contempt of court in 2017 for withholding information from the court pic.twitter.com/Z8zP5P8qdf

    — ANI (@ANI) July 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया न चुकाने की अर्जी दी थी. पीठ ने इस मामले की सजा की अवधि तय करने संबंधी अपना फैसला 10 मार्च को सुरक्षित रख लिया था और टिप्पणी की थी कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती.

न्यायालय ने अवमानना कानून के विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं न्याय मित्र जयदीप गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने पूर्व में माल्या का प्रतिनिधित्व कर चुके वकील को इस मामले में 15 मार्च तक लिखित दलीलें पेश करने की अनुमति दी थी. बहरहाल, माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर उनका (माल्या का) पक्ष रख पाने में असहाय हैं.

पीठ ने कहा, 'हमें बताया गया है कि (माल्या के खिलाफ) ब्रिटेन में कुछ मुकदमे चल रहे हैं.' उसने कहा, 'हमें नहीं पता, कितने मामले लंबित हैं. मुद्दा यह है कि जहां तक हमारे न्यायिक अधिकार क्षेत्र का प्रश्न है तो हम कब तक इस तरह चल पाएंगे.' शीर्ष अदालत ने माल्या को दिये गये लंबे वक्त का हवाला देते हुए 10 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय कर दी थी और भगोड़े कारोबारी को व्यक्तिगत तौर पर या अपने वकील के जरिये पेश होने का अंतिम मौका दिया था.

माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था और उनकी प्रस्तावित सजा के निर्धारण के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाना था. शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में खारिज कर दी थी. न्यायालय ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर भेजने को लेकर उन्हें अवमानना का दोषी माना था.

ये भी पढ़ें - विजय माल्या अवमानना ​​मामला : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के आरोपी एवं भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के मामले में सोमवार को चार महीने की सजा सुनाई. कोर्ट ने माल्या पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा होगी.

  • Supreme Court awards 4-month jail sentence and imposes Rs 2000 fine on fugitive businessman Vijay Mallya who was found guilty of contempt of court in 2017 for withholding information from the court pic.twitter.com/Z8zP5P8qdf

    — ANI (@ANI) July 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया न चुकाने की अर्जी दी थी. पीठ ने इस मामले की सजा की अवधि तय करने संबंधी अपना फैसला 10 मार्च को सुरक्षित रख लिया था और टिप्पणी की थी कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती.

न्यायालय ने अवमानना कानून के विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं न्याय मित्र जयदीप गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने पूर्व में माल्या का प्रतिनिधित्व कर चुके वकील को इस मामले में 15 मार्च तक लिखित दलीलें पेश करने की अनुमति दी थी. बहरहाल, माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर उनका (माल्या का) पक्ष रख पाने में असहाय हैं.

पीठ ने कहा, 'हमें बताया गया है कि (माल्या के खिलाफ) ब्रिटेन में कुछ मुकदमे चल रहे हैं.' उसने कहा, 'हमें नहीं पता, कितने मामले लंबित हैं. मुद्दा यह है कि जहां तक हमारे न्यायिक अधिकार क्षेत्र का प्रश्न है तो हम कब तक इस तरह चल पाएंगे.' शीर्ष अदालत ने माल्या को दिये गये लंबे वक्त का हवाला देते हुए 10 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय कर दी थी और भगोड़े कारोबारी को व्यक्तिगत तौर पर या अपने वकील के जरिये पेश होने का अंतिम मौका दिया था.

माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था और उनकी प्रस्तावित सजा के निर्धारण के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाना था. शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में खारिज कर दी थी. न्यायालय ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर भेजने को लेकर उन्हें अवमानना का दोषी माना था.

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Last Updated : Jul 11, 2022, 11:47 AM IST
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