ETV Bharat / business

त्योहार से पहले खाने वाले तेल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, पढ़ें खबर

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीबीआईसी का विशिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क का निर्णय मार्च 2023 तक लागू रहेगा. बयान के मुताबिक, खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.

खाने वाले तेल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
खाने वाले तेल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
author img

By

Published : Oct 3, 2022, 9:09 AM IST

Updated : Oct 3, 2022, 12:37 PM IST

नई दिल्ली: खाद्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि विशिष्ट खाद्य तेलों पर रियायती आयात शुल्क की अवधि बढ़ाकर मार्च 2023 तक कर दी गई है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने खाद् तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 31 अगस्त, 2022 को यह निर्णय लिया था.

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीबीआईसी का विशिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क का निर्णय मार्च 2023 तक लागू रहेगा. बयान के मुताबिक, खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब है कि नई समयसीमा अब मार्च 2023 होगी. मंत्रालय ने यह भी कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का रुख रहा है. गिरती वैश्विक दरों और कम आयात शुल्क के साथ भारत में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आई है.

बयान के अनुसार, कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मौजूदा शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक अपरिवर्तित रहेगी. पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कच्ची किस्मों पर आयात शुल्क फिलहाल शून्य है. हालांकि, पांच प्रतिशत कृषि उपकर और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है.

इसके अलावा पामोलिन और रिफाइंड पाम तेल की अलग-अलग किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 प्रतिशत है. इस तरह से प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत है.

पढ़ें: महंगाई से राहत: खाद्य तेल की कीमतों में ₹15 लीटर तक की कटौती

सरकार ने पिछले साल भर में खाद्य तेल की कीमतों में उच्च स्तर पर रहने के साथ घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई मौकों पर पाम तेल पर आयात शुल्क में कटौती की थी.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: खाद्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि विशिष्ट खाद्य तेलों पर रियायती आयात शुल्क की अवधि बढ़ाकर मार्च 2023 तक कर दी गई है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने खाद् तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 31 अगस्त, 2022 को यह निर्णय लिया था.

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीबीआईसी का विशिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क का निर्णय मार्च 2023 तक लागू रहेगा. बयान के मुताबिक, खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब है कि नई समयसीमा अब मार्च 2023 होगी. मंत्रालय ने यह भी कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का रुख रहा है. गिरती वैश्विक दरों और कम आयात शुल्क के साथ भारत में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आई है.

बयान के अनुसार, कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मौजूदा शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक अपरिवर्तित रहेगी. पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कच्ची किस्मों पर आयात शुल्क फिलहाल शून्य है. हालांकि, पांच प्रतिशत कृषि उपकर और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है.

इसके अलावा पामोलिन और रिफाइंड पाम तेल की अलग-अलग किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 प्रतिशत है. इस तरह से प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत है.

पढ़ें: महंगाई से राहत: खाद्य तेल की कीमतों में ₹15 लीटर तक की कटौती

सरकार ने पिछले साल भर में खाद्य तेल की कीमतों में उच्च स्तर पर रहने के साथ घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई मौकों पर पाम तेल पर आयात शुल्क में कटौती की थी.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Oct 3, 2022, 12:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.