मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही विशिष्ट उपयोग के लिए ई-रुपया की पायलट आधार पर पेशकश (RBI to launch e rupee soon) करेगा. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी. आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' (सीबीडीसी) के बारे में पेश अपनी एक संकल्पना टिप्पणी में कहा, 'पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपया की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी.'
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Concept Note on Central Bank Digital Currency issued to create awareness about Central Bank Digital Currency (CBDC) in general and the planned features of the Digital Rupee: RBI pic.twitter.com/1kYvxW4SLg
— ANI (@ANI) October 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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आरबीआई ने कहा कि सीबीडीसी (Central Bank Digital Currency) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है. इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है. केंद्रीय बैंक ने कहा, 'भारत की अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों द्वारा समर्थित डिजिटल रुपया प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, मौद्रिक एवं भुगतान प्रणाली को अधिक कुशल बनाएगी तथा वित्तीय समावेशन में मदद करेगी.'
सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है. दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंक इस समय सीबीडीसी जारी करने की तरीकों पर विचार कर रहे हैं और इसे जारी करने के तरीके हर देश की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार अलग-अलग हैं. भारत सरकार ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा की थी.
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इस संकल्पना टिप्पणी में डिजिटल मुद्रा की प्रौद्योगिकी और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपये के संभावित उपयोग, और डिजिटल मुद्रा को जारी करने की व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की गई है. इसमें सीबीडीसी की शुरूआत के चलते बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों की पड़ताल की गई है. साथ ही गोपनीयता के मुद्दों का विश्लेषण भी किया गया है.