हैदराबाद: आज कल हर कोई अपने परिवार और खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीमा कंपनियों से अलग-अलग प्रकार की पॉलिसी (policy) खरीदता है. स्वास्थ्य से लेकर गाड़ियों तक की पॉलिसी बाजार में उपलब्ध है. बीमा लेने का मतलब होता है आड़े में वक्त में आपके ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ ना पड़े. ऐसे में बेहद जरूरी है कि जब आप पॉलिसी खरीद रहें हों तो कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो के बारे में ठीक से जानकारी जुटा लें. पूरी जानकारी लेने के बाद ही पॉलिसी खरीदें. पर सवाल तब उठता है कि तमाम सावधनी बरतने के बाद भी बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट में आना-कानी करे तो ग्राहक कहां जाये. कंपनी अगर भविष्य में कोई फर्जीवाड़ा करती है तो उसके खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज की जा सकती है.
ऐसे दर्ज करें शिकायत
हम आज आपको बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में आप कहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं. खासतौर से गैर जीवन बीमा के संबंध में इन कंपनियों के खिलाफ इन तरीकों से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) वह संस्था है जो बीमा कंपनियों के कामकाज पर नजर रखती है. बता दें कि IRDAI के पास बीमा कंपनियों के खिलाफ पॉलिसीधारकों की शिकायतें दर्ज और उनका निवारण करने के लिए एक मैकेनिज्म है.
- आप सबसे पहले लिखित शिकायत दर्ज करके बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी (GRO) से संपर्क कर सकते हैं.
- जीआरओ से अपेक्षा की जाती है कि वह उचित अवधि में शिकायत का समाधान करेगा. अगर 15 कार्य दिवसों (Working days) के भीतर GRO से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो आप IRDAI से संपर्क कर सकते हैं.
IRDAI तक कैसे पहुंचें
- IRDAI तक शिकायत पहुंचाने के लिए, आप इन तरीकों को अपना सकते हैं.
- IRDAI के शिकायत निवारण कक्ष से टोल-फ्री नंबर 155255 पर संपर्क करें.
- आवश्यक दस्तावेजी प्रमाण के साथ comments@irdai.gov.in पर एक ई-मेल भेजें.
- IRDAI शिकायत निवारण कक्ष (Grievance Redressal Cell) को एक शिकायत मेल करें. आप रजिस्ट्री डाक के माध्यम से भी शिकायत भेज सकते हैं.
- IRDAI के ऑनलाइन पोर्टल, IGMS पर शिकायत दर्ज की जा सकती है.
बता दें, किसी भी माध्यम से IRDAI के साथ पंजीकृत शिकायतें बीमा कंपनी को निर्धारित समय के भीतर पॉलिसीधारक को उचित प्रतिक्रिया जारी करने के लिए भेज दी जाती हैं. अगर आप बीमा कंपनी की ओर से किए गए समाधान से संतुष्ट नहीं हैं, तो शिकायत को बीमा लोकपाल के पास आगे बढ़ायी जा सकती है. इसके अलावा कंज्यूमर कोर्ट या सिविल कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं.