नई दिल्ली : चीन ने युवा बेरोजगारी के आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है, जिसे कुछ लोगों ने देश की मंदी के प्रमुख संकेत के रूप में देखा है. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, यह निर्णय दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और उसके समाज में बदलाव के कारण है. जून में, चीन के शहरी क्षेत्रों में 16 से 24 वर्ष के युवाओं की बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई.
चीन के केंद्रीय बैंक ने भी विकास को बढ़ावा देने के प्रयास में मंगलवार को उधार लेने की लागत में कटौती की. मंगलवार को प्रकाशित आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि चीन की बेरोजगारी दर जुलाई में बढ़कर 5.3 प्रतिशत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उसी समय सरकार ने कहा कि वह युवा बेरोजगारी डेटा के प्रकाशन को अस्थायी रूप से निलंबित कर देगी, लेकिन निलंबन के लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई.
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) के एक प्रवक्ता ने कहा कि युवाओं में बेरोजगारी की गणना करने की पद्धति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. फू लिंगहुई ने बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अर्थव्यवस्था और समाज लगातार विकसित हो रहे हैं और बदल रहे हैं. सांख्यिकीय कार्यों में निरंतर सुधार की आवश्यकता है.
फू ने संकेत दिया कि 16 से 24 वर्ष की आयु के छात्रों की संख्या में वृद्धि ने बेरोजगारी के आंकड़ों को प्रभावित किया है. लेकिन चीन ने कभी भी शिक्षा प्राप्त करने वालों को बेरोजगार के रूप में नहीं गिना है. चीन ने 2018 में युवा बेरोजगारी के आंकड़े प्रकाशित करना शुरू किया. हालांकि, यह वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की रोजगार स्थिति पर डेटा जारी नहीं करता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह घोषणा तब हुई, जब देश में महामारी के बाद आर्थिक सुधार धीमा हो रहा है.
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(आईएएनएस)