नई दिल्ली: चीनी बाजारों में मंदी से भारतीय बाजारों को फायदा हो सकता है. ऐसा दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस का कहना है. उन्होंने कहा कि चीनी बाजारों में मंदी का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत है. एक बिजनेस चैनल से बातचीत में मार्क मोबियस ने कहा है. भारत को बहुत सारा पैसा मिलने वाला है जो आम तौर पर चीन को जाता. यदि आप संख्याओं को देखें, तो आप देखेंगे कि भारत में आने वाले धन का फ्लो काफी बड़ा है और बढ़ रहा है. इसमें पोर्टफोलियो निवेश के साथ निजी निवेश भी शामिल है. मोबियस को उभरते बाजारों में निवेश का गॉडफादर' भी कहा जाता है, भारतीय कंपनियों के निवेश पर रिटर्न से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं.
चीन का डायरेक्ट विदेशी निवेश हुआ निगेटिव
बता दें कि 1988 के बाद पहली बार, सितंबर तिमाही में चीन का डायरेक्ट विदेशी निवेश नकारात्मक हो गया है. शंघाई स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों के प्रदर्शन को दोहराने के लिए डिजाइन किए गए देश के सीएसआई 300 इंडेक्स ने पिछले 12 महीनों में 6 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया है. मार्क मोबियस जिनकी उम्र 87 साल है. उन्होंने कहा कि जब हम भारतीय बाजार का स्कैन करते हैं तो यह आश्चर्यजनक होता है कि कितनी कंपनियों में निवेश पर उच्च रिटर्न है, जो विकास की संभावनाओं का एक अच्छा संकेतक है क्योंकि यदि आपके पास निवेश पर उच्च रिटर्न है, तो आपके पास पुनर्निवेश और विकास के लिए बहुत सारा पैसा है. यह काफी दिलचस्प घटना है जिसे हमने देखा है.
भारतीय बाजार पर मोबियस की राय
भारत पर आगे, मोबियस ने कहा कि जेन जेड आबादी (15-25) कंपनियों के लिए भारत को एक आकर्षक प्रस्ताव के रूप में देखने के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर है. दुनिया भर की कंपनियां युवा आबादी का फायदा उठाना चाहेंगी जो अमीर हो रही हैं, महत्वाकांक्षी हैं, काम करना चाहती हैं, खेलना चाहती हैं और खर्च करना चाहती हैं. मोबियस ने कहा कि हम उन क्षेत्रों में कंपनियों और स्थितियों को देख रहे हैं जहां एआई का अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है. और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का संपूर्ण डिजिटलीकरण, विशेष रूप से उभरते बाजारों में, बहुत महत्वपूर्ण है और निश्चित रूप से, भारत शायद इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.