हैदराबाद: आज के समय में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. बीमा कंपनियां ज्यादा से ज्यादा टर्म पॉलिसी लेकर आ रही हैं. जीवन बीमा गठिन परिस्थितियों में आपके परिवार के लिए एक विश्वसनीय वित्तीय सहायता के रूप में मौजूद होता है. टर्म पॉलिसी कम प्रीमियम के साथ अधिक सुरक्षा प्रदान करती हैं. ऐसे में सही बीमा कंपनी का चुनाव करना उतना ही जरूरी है, जितना कि अपनी जरूरत के हिसाब से पॉलिसी लेना.
सबसे पहले हमें किसी भी कंपनी की बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले क्लेम प्रोसेसिंग रिकॉर्ड (Claim Processing Record) पर बारीकी से नजर डालनी चाहिए, जिसमें यह देखना बहुत जरूरी है कि बीमा कंपनी क्लेम का सेटेलमेंट कैसे करती हैं. पॉलिसीधारक को यह भी जान लेना चाहिए कि कोई भी बीमा कंपनी पॉलिसीधारक को कुछ भी होने पर मुआवजा देने में कितनी परेशानी पैदा करते हैं, क्योंकि हर बीमा कंपनी के नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं. इन सभी बातों को देखने के अलावा आपको कंपनी की पेमेंट हिस्ट्री भी जरूर देखनी चाहिए.
क्या है क्लेम सेटलमेंट रेशियो: क्लेम सेटलमेंट रेशियो यह तय करता है कि किसी खास व्यक्ति ने एक निश्चित समय में कितने क्लेम सेटल किए हैं. यदि पॉलिसी धारक की मौत हो जाने पर नामांकित व्यक्ति (nominee) बीमा कंपनी से संपर्क करता है, तो बीमा कंपनी अपनी शर्तों के आधार पर या तो क्लेम स्वीकार कर लेती है या रिजेक्ट कर देती है. ऐसे में आप परेशानी में पड़ सकते हैं लेकिन अगर आप अच्छे सेटेलमेंट वाली कंपनी की पॉलिसी लेते हैं तो रिजेक्ट होने के चांस कम होते हैं.
कम रेशियो वाली बीमा कंपनी मुआवजा देने में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं. उदाहरण के तौर पर एक कंपनी को एक वर्ष में 100 क्लेम मिलते हैं. अगर बिना किसी समस्या के 90 पॉलिसियों को मुआवजा दिया जाता है, तो भुगतानों का अनुपात 90 प्रतिशत आंका जाता है. ऐसे में बीमा कंपनियां पॉलिसीधारकों को लुभाने के लिए पॉलिसी को कम प्रीमियम पर ऑनलाइन उपलब्ध करा रही हैं, केवल प्रीमियम कम होने के कारण पॉलिसी लेने की सलाह नहीं दी जाती है. टर्म पॉलिसी जीवन के सबसे बड़े वित्तीय फैसलों में से एक है. इसलिए अच्छी तरह रिसर्च करने के बाद ही पॉलिसी चुनें.
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भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के अनुसार, प्रत्येक बीमा कंपनी समय-समय पर अपने क्लेम सेटेलमेंट वितरण का खुलासा करती है. इन रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो इस अनुपात का पता चल जाएगा. पॉलिसी लेने से पहले बीमा कंपनी और क्लेम सेटेलमेंट रेशियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें. बीमा कंपनी के विज्ञापनों में दी गई जानकारी पर पूरी तरह भरोसा नहीं करें. जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की सलाह लें. ज्यादा जानकारी के लिए बीमा कंपनी के सेवा केंद्र या शाखाओं से संपर्क करें.
बीमा पॉलिसी लेने से पहले endowment, मनी बैक, यूलिप (Unit Linked Insurance Plan) आदि से संबंधित नीतियों के लिए दावा भुगतान के अनुपात की जांच की जानी चाहिए. तभी हम बीमाकर्ताओं के ट्रैक रिकॉर्ड पर एक अनुमान प्राप्त कर पाएंगे. सही कंपनी चुनने के लिए यह सब जरूरी है. हमेशा याद रखें कि वार्षिकी (annuity), देयता (liability), प्रीमियम का भुगतान करने की क्षमता और पॉलिसी द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभ term policies को चुनने में महत्वपूर्ण पहलू हैं.
पॉलिसी लेते समय बिना किसी गोपनीयता के अपने स्वास्थ्य और वित्तीय विवरण के बारे में बीमा कंपनी को सूचित करें. मौजूदा नीतियों का विवरण भी उल्लेख किया जाना चाहिए, तब पॉलिसी क्लेम में कोई दिक्कत नहीं होगी.