नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जर्मनी की रिटेलर कंपनी मेट्रो एजी के भारतीय बिजनेस को खरीदने के लिए तीन महीने पहले एक डील की थी. यह सौदा 2,850 करोड़ में तय हुआ था. जिसे अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने हरि झंडी दिखाते हुए थोक व्यापार का अधिग्रहण करने को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसी के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज रिटेल के बाद अब होलसेल में भी अपना कारनामा दिखाने के लिए तैयार है.
जर्मन कंपनी को फायदा: Reliance Retail Ventures Limited (RRVL) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सब्सिडियरी है. जबकि मेट्रो एजी की मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया, भारत में होलसेल (थोक व्यापार) का बिजनेस करती है. आरआरवीएल ने दिसबंर 2022 में कैश एंड कैरी इंडिया की 100 फीसदी की हिस्सेदारी 2850 करोड़ रुपए में खरीदेने की घोषणा की थी. इस डील पर जर्मन कंपनी ने कहा कि इस समझौते से उसे लगभग 15 करोड़ यूरो का फायदा होगा.
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CCI clears Reliance's acquisition of Metro Cash for ₹2,850 crore#MukeshAmbani #RelianceIndustries #Retail #RRVL #CCI #METROAG #India #business #news #latestnews #dailyupdates #TheTradeConnect pic.twitter.com/yUXUKpmBdu
— The Trade Connect (@thetradeconnect) March 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया: Metro Cash Carry India भारतीय बाजार में साल 2003 से सक्रिय है. इसके पूरे देश के 21 शहरों में 31 स्टोर चलते हैं. जो रेस्टोरेंट्स और छोटे दुकानदारों को अपना माल स्पलाई करते हैं. रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2022 में खत्म हुई फाइनेंशियल ईयर में कंपनी की सेल 7700 करोड़ रुपये की रही थी. बात करें इसके ग्राहक की तो उनकी संख्या 30 लाख के करीब है. इसमें से 10 लाख लोग रेगुलर कस्टमर हैं, जो बी2बी ऐप से खरीदारी करते है. इन सब कामों को देखने के लिए कंपनी में लगभग 3500 कर्मचारी है.
मंजूरी को लेकर सीसीआई ने दी जानकारी : रेलगुलेटर की ओर से मंगलवार को ट्वीट किया गया, 'रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड द्वारा मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है.' वहीं, एक और ट्वीट के जरिए जानकारी दी गई कि निष्पक्ष व्यापार नियामक ने एल एंड टी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और कुडगी ट्रांसमिशन लिमिटेड की इक्विटी शेयर पूंजी के 100 प्रतिशत अधिग्रहण के लिए क्रमशः एपिक कंसेशन्स प्राइवेट लिमिटेड और इंफ्रास्ट्रक्चर यील्ड प्लस II (एडलवाइस ग्रुप के सहयोगी) द्वारा अपनी मंजूरी दे दी है.
(पीटीआई+ एकस्ट्रा इनपुट)