नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली है. केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाने वाला छठा बजट होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलने वाला है. तकनीकी रूप से, प्रस्तुत बजट 1 अप्रैल, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए है. लेकिन परंपरागत रूप से, ऐसा बजट आमतौर पर वित्त वर्ष 2024-25 के पहले कुछ महीनों के खर्च का विवरण देने वाला वोट ऑन अकाउंट होता है.
इन वर्गों पर केंद्रित होगा बजट
बता दें कि इस बार के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री पांच प्रमुख वर्गों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. इनमें महिलाओं, गरीबों, युवाओं, किसानों और आदिवासियों शामिल है. ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए का लक्ष्य है. समाज के इन वर्गों के लिए मौजूदा योजनाओं के आवंटन में वृद्धि देखने की संभावना है, जबकि नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है.
महिलाओं और शिक्षा पर होगा फोकस
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने 2023-24 में स्कूली शिक्षा और साक्षरता और उच्च शिक्षा को संभालने वाले दो विभागों के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया जा सकता है. महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के मोदी के दृष्टिकोण को देखते हुए महिलाओं का कल्याण भी 1 फरवरी को सीतारमण के बजट भाषण का एक प्रमुख स्तंभ हो सकता है.
आदिवासियों के लिए योजनाएं
आदिवासी विकास मंत्रालय, जो आदिवासियों के कल्याण के लिए योजनाएं लागू करता है. उनके लिए आवंटन 2023-24 में तेजी से बढ़ाया गया था. 2023-24 के बजट में, मंत्रालय के लिए आवंटन में लगभग 71 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जिसका एक बड़ा हिस्सा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) कार्यक्रम के लिए गया, जो अनुसूचित जनजाति के बच्चों को कक्षा छह से ग्यारह तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है.
किसानों हो सकता हैं फायदा
पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत सामाजिक ट्रांसफर में 33 फीसदी की संभावित वृद्धि से किसानों को लाभ होने की उम्मीद है. योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. 2023-24 में, केंद्र ने इस योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो 2024-25 में आनुपातिक रूप से बढ़ सकता है.