ETV Bharat / business

बजट 2019: दस करोड़ रुपये से अधिक कमाने वालों पर लग सकता है 40 प्रतिशत कर

सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है.

बजट 2019: दस करोड़ रुपये से अधिक कमाने वालों पर लग सकता है 40 प्रतिशत कर
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 5:31 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 9:46 AM IST

नई दिल्ली: आगामी आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए कर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ सकती है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वालों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है. केपीएमजी के एक सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है. केपीएमजी (इंडिया) के 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों के विचार लिए गए हैं.

सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है.

ये भी पढ़ें-जीएसटी की 12% और 18% दर के विलय के बाद यह दो दर वाली प्रणाली बन सकती है: जेटली

सर्वे में 13 प्रतिशत की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर- एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए.

घरों की मांग में बढ़ाने के वास्ते 65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि बजट में खुद रहने वाले मकान पर आवास ऋण पर ब्याज दिये गये ब्याज पर कर कटौती सीमा को दो लाख रुपये से आगे बढ़ाया जा सकता है.

वहीं 51 प्रतिशत ने कहा कि सरकार आवास ऋण की मूल राशि के पुनर्भुगतान पर धारा 80 सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है.

हालांकि, 53 प्रतिशत लोगों की राय यह भी थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी. वहीं 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत नहीं किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल कंपनी कर की दर कम करने की मांग कर रहे हैं.

नई दिल्ली: आगामी आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए कर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ सकती है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वालों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है. केपीएमजी के एक सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है. केपीएमजी (इंडिया) के 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों के विचार लिए गए हैं.

सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है.

ये भी पढ़ें-जीएसटी की 12% और 18% दर के विलय के बाद यह दो दर वाली प्रणाली बन सकती है: जेटली

सर्वे में 13 प्रतिशत की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर- एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए.

घरों की मांग में बढ़ाने के वास्ते 65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि बजट में खुद रहने वाले मकान पर आवास ऋण पर ब्याज दिये गये ब्याज पर कर कटौती सीमा को दो लाख रुपये से आगे बढ़ाया जा सकता है.

वहीं 51 प्रतिशत ने कहा कि सरकार आवास ऋण की मूल राशि के पुनर्भुगतान पर धारा 80 सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है.

हालांकि, 53 प्रतिशत लोगों की राय यह भी थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी. वहीं 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत नहीं किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल कंपनी कर की दर कम करने की मांग कर रहे हैं.

Intro:Body:

बजट 2019: दस करोड़ रुपये से अधिक कमाने वालों पर लग सकता है 40 प्रतिशत कर 

नई दिल्ली: आगामी आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए कर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ सकती है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वालों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है. केपीएमजी के एक सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है. 

केपीएमजी (इंडिया) के 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों के विचार लिए गए हैं. 

सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है. 

सर्वे में 13 प्रतिशत की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर- एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए. 

घरों की मांग में बढ़ाने के वास्ते 65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि बजट में खुद रहने वाले मकान पर आवास ऋण पर ब्याज दिये गये ब्याज पर कर कटौती सीमा को दो लाख रुपये से आगे बढ़ाया जा सकता है. 

वहीं 51 प्रतिशत ने कहा कि सरकार आवास ऋण की मूल राशि के पुनर्भुगतान पर धारा 80 सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है. 

हालांकि, 53 प्रतिशत लोगों की राय यह भी थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी. वहीं 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत नहीं किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल कंपनी कर की दर कम करने की मांग कर रहे हैं. 

     

 


Conclusion:
Last Updated : Jul 3, 2019, 9:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.