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Credit Score अच्छा हो तो आसानी से मिलता है लोन, क्रेडिट स्कोर को 750 से ज्यादा बढ़ाने के टिप्स

अगर आपने पर्सनल या बिजनेस लोन के लिए बैंक में आवदेन दिया है तो इसकी मंजूरी और नामंजूरी का फैसला काफी हद तक आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है. इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान दें. और अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से नीचे है तो उसे बेहतर करने का तरीका इस रिपोर्ट में बताया गया है.

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Published : Jan 23, 2023, 2:24 PM IST

हैदराबाद : जब आप बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन लेने के लिए एप्लीकेशन देते हैं तो कई सारी चीजें देखी जाती है. मसलन आपकी आयु, आय, पेशा, नौकरी का स्थायित्व इत्यादि. इन सब के अलावा आपका क्रेडिट स्कोर को भी ध्यान में रखा जाता है. क्रेडिट स्कोर कम होता है तो या तो लोन एप्लीकेशन खारिज हो सकता है या लोन पास हुआ है तो अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है. कई वित्तीय संस्थान या बैंक तो सबसे पहले यह स्कोर देखकर ही फैसला करते हैं कि लोन एप्लीकेशन पर आगे प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए या नहीं. इसलिए क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना और इसे 750 से ऊपर बनाए रखना बेहद जरूरी है.

  1. हमें कर्ज लेने से लेकर उसे पूरा चुकाने तक जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए. तभी स्कोर कम नहीं होगा. बढ़ती ब्याज दरों के बीच रिटेल लोन की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में कर्ज देते समय बैंक अधिक सावधानी बरत रहे हैं. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया है. क्रेडिट स्कोर अच्छा करने के लिए बस समय पर अपनी किश्तों और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान करें.
  2. कर्ज की किस्तें और क्रेडिट कार्ड बिल हमेशा समय पर चुकाएं. यहां तक कि एक देर से भुगतान क्रेडिट स्कोर को 100 से अधिक अंक से प्रभावित करेगा. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर पाने के लिए, सभी भुगतान ड्यू डेट से पहले किए जाने चाहिए. यदि आपको पैसे से संबेधित दिक्कतें हैं, तो समय पर क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम राशि का भुगतान करें. फिर शेष राशि का भुगतान करें. यदि बिल अधिक है, तो बैंक सोचेंगे कि आप अपने कार्ड की क्रेडिट सीमा का अधिक उपयोग कर रहे हैं.
  3. जब आप वित्तीय संकट में होते हैं, तो हो सकता है कि आपने ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान में देरी की हो. इससे क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है. अगर स्कोर 700 से कम है तो लोन रिजेक्ट होने के चांस ज्यादा होते हैं. अगर लोन दिया भी जाता है, तो वे ज्यादा इंटरेस्ट वसूल सकते हैं. कम क्रेडिट स्कोर के साथ लोन लेना एक बड़ी चुनौती है.
  4. अगर लगातार तीन महीने तक किस्त नहीं चुकाई जाती है तो बैंक इसे नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) मान लेते हैं. अगर भुगतान पूरी तरह से बंद हो जाता है तो बैंक कुछ राशि को डिफॉल्ट मानते हुए राइट ऑफ कर देते हैं. इसे 'सेटलमेंट' कहते हैं. अगर लिए गए अमाउंट का भुगतान कर दिया जाता है, तो लोन पूरी तरह से रद्द कर दिया जाएगा. बैंक क्रेडिट ब्यूरो को इसकी सूचना देते हैं. ऐसे लोन को 'सेटल्ड' कहा जाता है. जितना हो सके कर्ज चुका देना ही बेहतर है.
  5. क्रेडिट कार्ड देने के लिए कंपनी का कॉल आए तो मत कहिए कि 'हम देखेंगे'. अगर आपको कार्ड की जरुरत नहीं है साफ मना कर दीजिए. अगर आप कहते हैं कि 'विचार करेंगे', तो वे एक एप्लीकेशन दे सकते हैं. इसका मतलब है कि आप लोन का इंतजार कर रहे हैं. मामला क्रेडिट ब्यूरो तक पहुंचता है. यह आपके क्रेडिट स्कोर को कम करता है. ऐसे एप्लीकेशनस को बार-बार रिजेक्ट करना आपके क्रेडिट रिकॉर्ड को प्रभावित करता है.
  6. लोन लेने वालों को महीने में कम से कम एक बार अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करनी चाहिए. कोई गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत बैंक को जानकारी देनी चाहिए. अब तो कई वेबसाइटें फ्री में क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने की सुविधा देती है. इसलिए इसमें कोई लापरवाही न बरतें. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जरुरत के हिसाब से करें. तभी आपका क्रेडिट स्कोर वापस 750 अंक से ऊपर होगा.

पढ़ें : Loan Application रिजेक्ट होने पर क्या करें, कैसे क्रेडिट स्कोर बेहतर करें

हैदराबाद : जब आप बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन लेने के लिए एप्लीकेशन देते हैं तो कई सारी चीजें देखी जाती है. मसलन आपकी आयु, आय, पेशा, नौकरी का स्थायित्व इत्यादि. इन सब के अलावा आपका क्रेडिट स्कोर को भी ध्यान में रखा जाता है. क्रेडिट स्कोर कम होता है तो या तो लोन एप्लीकेशन खारिज हो सकता है या लोन पास हुआ है तो अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है. कई वित्तीय संस्थान या बैंक तो सबसे पहले यह स्कोर देखकर ही फैसला करते हैं कि लोन एप्लीकेशन पर आगे प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए या नहीं. इसलिए क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना और इसे 750 से ऊपर बनाए रखना बेहद जरूरी है.

  1. हमें कर्ज लेने से लेकर उसे पूरा चुकाने तक जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए. तभी स्कोर कम नहीं होगा. बढ़ती ब्याज दरों के बीच रिटेल लोन की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में कर्ज देते समय बैंक अधिक सावधानी बरत रहे हैं. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया है. क्रेडिट स्कोर अच्छा करने के लिए बस समय पर अपनी किश्तों और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान करें.
  2. कर्ज की किस्तें और क्रेडिट कार्ड बिल हमेशा समय पर चुकाएं. यहां तक कि एक देर से भुगतान क्रेडिट स्कोर को 100 से अधिक अंक से प्रभावित करेगा. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर पाने के लिए, सभी भुगतान ड्यू डेट से पहले किए जाने चाहिए. यदि आपको पैसे से संबेधित दिक्कतें हैं, तो समय पर क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम राशि का भुगतान करें. फिर शेष राशि का भुगतान करें. यदि बिल अधिक है, तो बैंक सोचेंगे कि आप अपने कार्ड की क्रेडिट सीमा का अधिक उपयोग कर रहे हैं.
  3. जब आप वित्तीय संकट में होते हैं, तो हो सकता है कि आपने ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान में देरी की हो. इससे क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है. अगर स्कोर 700 से कम है तो लोन रिजेक्ट होने के चांस ज्यादा होते हैं. अगर लोन दिया भी जाता है, तो वे ज्यादा इंटरेस्ट वसूल सकते हैं. कम क्रेडिट स्कोर के साथ लोन लेना एक बड़ी चुनौती है.
  4. अगर लगातार तीन महीने तक किस्त नहीं चुकाई जाती है तो बैंक इसे नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) मान लेते हैं. अगर भुगतान पूरी तरह से बंद हो जाता है तो बैंक कुछ राशि को डिफॉल्ट मानते हुए राइट ऑफ कर देते हैं. इसे 'सेटलमेंट' कहते हैं. अगर लिए गए अमाउंट का भुगतान कर दिया जाता है, तो लोन पूरी तरह से रद्द कर दिया जाएगा. बैंक क्रेडिट ब्यूरो को इसकी सूचना देते हैं. ऐसे लोन को 'सेटल्ड' कहा जाता है. जितना हो सके कर्ज चुका देना ही बेहतर है.
  5. क्रेडिट कार्ड देने के लिए कंपनी का कॉल आए तो मत कहिए कि 'हम देखेंगे'. अगर आपको कार्ड की जरुरत नहीं है साफ मना कर दीजिए. अगर आप कहते हैं कि 'विचार करेंगे', तो वे एक एप्लीकेशन दे सकते हैं. इसका मतलब है कि आप लोन का इंतजार कर रहे हैं. मामला क्रेडिट ब्यूरो तक पहुंचता है. यह आपके क्रेडिट स्कोर को कम करता है. ऐसे एप्लीकेशनस को बार-बार रिजेक्ट करना आपके क्रेडिट रिकॉर्ड को प्रभावित करता है.
  6. लोन लेने वालों को महीने में कम से कम एक बार अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करनी चाहिए. कोई गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत बैंक को जानकारी देनी चाहिए. अब तो कई वेबसाइटें फ्री में क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने की सुविधा देती है. इसलिए इसमें कोई लापरवाही न बरतें. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जरुरत के हिसाब से करें. तभी आपका क्रेडिट स्कोर वापस 750 अंक से ऊपर होगा.

पढ़ें : Loan Application रिजेक्ट होने पर क्या करें, कैसे क्रेडिट स्कोर बेहतर करें

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