नई दिल्ली: फिनटेक प्लेटफॉर्म BharatPe ने मंगलवार को कहा कि उसे भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से एक ऑनलाइन पैमेंट एग्रीगेटर (online payment aggregator) के रूप में काम करने के लिए सैद्धांतिक रूप से प्राधिकरण प्राप्त हुआ है. क्योंकि यह अपने पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर के साथ 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अदालती लड़ाई लड़ रहा है. कंपनी ने कहा कि BharatPe की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रेसिलिएंट पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई (Resilient Innovations Private Limited) है.
400 शहरों में 1 करोड़ व्यापारियों का बनाया नेटवर्क
BharatPe के सीएफओ और अंतरिम सीईओ नलिन नेगी ने कहा, BharatPe में हम देश में ऑफलाइन व्यापारियों और किराना स्टोर मालिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमने पहले ही 400 से अधिक शहरों में 1 करोड़ व्यापारियों का नेटवर्क बना लिया है. उन्होंने कहा सैद्धांतिक स्वीकृति हमारी विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और हमें डिजिटल भुगतान स्वीकृति समाधान प्रदान करते हुए लाखों और बिना बैंक वाले और कम सेवा वाले व्यापारियों तक पहुंचने में सक्षम करेगा.
BharatPe ने कहा कि अब वह निर्धारित समय सीमा के भीतर उक्त शर्तो को पूरा करने पर काम शुरू करेगा और आरबीआई से अंतिम प्राधिकरण प्राप्त होने पर उक्त ऑनलाइन पीए व्यवसाय शुरू करेगा. कंपनी यूपीआई ऑफलाइन लेनदेन में अग्रणी है. जो प्रति माह 18 करोड़ से अधिक यूपीआई लेनदेन वार्षिक लेनदेन भुगतान में 24 अरब डॉलर से अधिक का संसाधित मूल्य संसाधित करती है. BharatPe ने कहा कि इसका पॉइंट ऑफ सेल (point of sale) व्यवसाय अब अपनी मशीनों पर सालाना 4 अरब डॉलर से अधिक के भुगतान की प्रक्रिया करता है.
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(आईएएनएस)