लंदन : प्रतिस्पर्धा अपील न्यायाधिकरण (Competition Appeal Tribunal) ने यूके क्लास एक्शन (UK class action case) मुकदमे को रोकने के एप्पल के अनुरोध को खारिज कर दिया है, जिसमें तकनीकी दिग्गज पर ग्राहकों को नए मॉडल खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जानबूझकर पुराने आईफोन के प्रदर्शन को धीमा करने का आरोप लगाया गया था. द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता अधिकार प्रचारक जस्टिन गुटमैन ने पिछले साल एप्पल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने आईफोन 6, 6 प्लस, 6एस, 6एस प्लस, एसई, 7 और 7 प्लस में ऐसी बैटरियां लगाई हैं जो डिवाइस के प्रोसेसर या संचालन सिस्टम के साथ तालमेल नहीं बिठा पाती हैं.
वहीं, एप्पल ने आरोपों को निराधार बताते हुए मई में मुकदमे को रोकने का प्रयास किया. कंपनी ने उन दावों का भी खंडन किया कि कुछ आईफोन 6एस मॉडल को छोड़कर, उसकी बैटरियों में समस्याएं थीं. रिपोर्ट में एप्पल के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि हमने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया है, जो जानबूझकर किसी एप्पल उत्पाद के जीवन को छोटा करता है, या ग्राहकों को बढ़ावा देने के लिए यूजर्स के अनुभव को खराब करता है.
प्रवक्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य हमेशा ऐसे उत्पाद बनाना रहा है, जो हमारे ग्राहकों को पसंद आएं और आईफोन को यथासंभव लंबे समय तक चलाना इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. गुटमैन ने 25 मिलियन यूके आईफोन यूजर्स की ओर से लंदन में प्रतिस्पर्धा अपील न्यायाधिकरण में मुकदमा दायर किया, जिन्होंने आईफोन के 10 विभिन्न मॉडलों में से किसी एक का उपयोग किया था.
मुकदमे के अनुसार, आईफोन निर्माता ने पावर प्रबंधन सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करके आईफोन उपयोगकर्ताओं को गुमराह किया, जिसने प्रभावित उपकरणों के प्रदर्शन को गुप्त रूप से बाधित कर दिया. साल 2020 में एप्पल ने कंपनी पर सॉफ़्टवेयर अपडेट के साथ कुछ पुराने आईफोन मॉडल को धीमा करने का आरोप लगाने वाले कई मुकदमों को समाप्त करने के लिए अमेरिकी बाज़ार में 500 मिलियन डॉलर तक का भुगतान करने की घोषणा की थी.
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वहीं, 2017 में एप्पल ने स्वीकार किया था कि उसने अप्रत्याशित शटडाउन से बचने के लिए कभी-कभी पुरानी बैटरी वाले कुछ आईफोन मॉडल को धीमा कर दिया था. एप्पल ने किसी भी गलत काम से इनकार किया, लेकिन समझौते के लिए सहमत हो गया.