नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन कंपनियों को नियमों का पालन सख्ती से करने और पायलटों व चालक दल के अन्य सदस्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कॉकपिट में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो. डीजीसीए ने आदेश शुक्रवार को पारित किया. डीजीसीए ने चेतावनी देते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर, कॉकपिट में अनधिकृत प्रवेश के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डीजीसीए का यह निर्देश हाल ही में सामने आए उन मामलों के संदर्भ में आया है, जिनमें उड़ान के दौरान विमान के कॉकपिट में अनधिकृत व्यक्तियों ने प्रवेश किया था. नियामक ने एक परामर्श जारी करते हुए सभी एयरलाइन के परिचालन प्रमुखों को ‘उचित कदम उठाते हुए ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने’ के लिए कहा है. डीजीसीए के सुरक्षा नियमों के अनुसार, कॉकपिट में अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं है.
नियामक ने परामर्श में कहा कि कॉकपिट में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश के मामले में हाल ही में रिपोर्ट किए गए हैं. ऐसे अनधिकृत व्यक्ति चालक दल के सदस्यों का ध्यान उनके काम से भटका सकते हैं, जिससे कोई विमान परिचालन से संबंधित कोई बड़ी गलती हो सकती है. तीन जून को टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की चंडीगढ़-लेह उड़ान के दौरान प्रभारी पायलट ने उड़ान के दौरान एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में आने की अनुमति दे दी थी और वह व्यक्ति पूरी उड़ान के दौरान कॉकपिट में रहा.
इससे पहले 27 फरवरी को ऐसी ही एक घटना में एयर इंडिया की दिल्ली से दुबई जा रही उड़ान के दौरान पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में आने की अनुमति दे दी थी. डीजीसीए ने दिल्ली-दुबई उड़ान मामले में ‘उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए’ एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. नियामक ने आरोपी पायलट का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था और सहायक पायलट को चेतावनी दी थी. वहीं चंडीगढ़-लेह उड़ान मामले में डीजीसीए ने प्रभारी पायलट का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया था ‘प्रथम अधिकारी’ का लाइसेंस एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था.
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(पीटीआई-भाषा)